पटरी पर दौड़ेगी अब बिना इंजन वाली ट्रेन, खुद का ट्रेनसैट बनाएगी भारतीय रेल

Edited By ,Updated: 27 Feb, 2017 02:53 PM

indian railways will own trainset

भारतीय रेल ने अपने खुद के ट्रेनसैट के विनिर्माण का फैसला किया है जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा।

नई दिल्ली: भारतीय रेल ने अपने खुद के ट्रेनसैट के विनिर्माण का फैसला किया है जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा। वैश्विक निविदा में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाने के बाद रेल विभाग ने यह फैसला किया। ‘ट्रेन-2018’ देश का पहला ट्रेनसैट होगा जो बिना इंजन का होगा। इसके अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की उम्मीद है तथा इसे सबसे पहले दिल्ली-लखनऊ अथवा दिल्ली-चंडीगढ़ रेलमार्ग पर चलाया जा सकता है।

इंजन की जरुरत नहीं होगी
काफी हद तक दिल्ली मैट्रो रेल से मिलते-जुलते इस ट्रेनसैट में कई डिब्बे होंगे जो खुद में लगी संचालक प्रणाली के जरिए आगे बढ़ेंगे तथा इनको खींचने के लिए किसी इंजन की जरूरत नहीं होगी। इस परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा मकसद शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करना है और इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमने ‘ट्रेन-2018’ परियोजना की शुरूआत की है जिसके तहत शुरूआती तौर पर चेन्नई के निकट इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आई.सी.एफ.) में 2 ट्रेनसैट का विनिर्माण हो रहा है।

अाएगी 200 करोड़ रुपए की लागत 
यह परियोजना 200 करोड़ रुपए की है और इसमें 2 ट्रेनसैट बनाए जाएंगे। इसमें प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण के आधार पर विदेशी इकाइयों का सहयोग भी होगा। रेल विभाग ने 315 डिब्बों वाले 15 ट्रेनसैट की खरीद-रखरखाव और विनिर्माण के लिए जून, 2015 में एक वैश्विक निविदा जारी की थी। निविदा में 5 इकाइयां शुरूआती चरण में आगे बढ़ीं लेकिन इन्होंने इसे व्यावहारिक नहीं माना और इस परियोजना को 10,000 डिब्बों के विनिर्माण तक ले जाने की मांग की थी। अधिकारी ने कहा कि रेल विभाग ने ट्रेनसैट को यहीं बनाने का फैसला किया ताकि विनिर्माण और आयात की लागत को कम किया जा सके।

खाना पकाने, वितरण की नई नीति बनाएगा रेलवे
भारतीय रेल अपनी कैटरिंग सेवाओं को लेकर कल नई नीति का ऐलान करेगा। नई कैटरिंग नीति के तहत अत्याधुनिक रसोई में खाना पकाया जाएगा और आतिथ्य क्षेत्र की सेवा प्रदाता इकाइयों के माध्यम से इसका वितरण होगा। आई.आर.सी.टी.सी. को अधिकतर ट्रेन में कैटरिंग की जिम्मेदारी देने वाली नई नीति 7 साल पुरानी नीति के स्थान पर लाई जा रही है। प्रभु ने 2016 के रेल बजट में कहा था कि  आई.आर.सी.टी.सी. चरणबद्ध तरीके से कैटरिंग सेवा को संभालना शुरू करेगी। रेलवे कैटरिंग नीति-2017 आई.आर.सी.टी.सी. को खाने का मैन्यू तय करने और इसके लिए राशि निर्धारित करने का अधिकार होगा। हालांकि इसके लिए उसे रेलवे बोर्ड से परामर्श लेना होगा। 

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