उभरती अर्थव्यवस्था में भारत की ग्रोथ सबसे ज्यादा: वर्ल्ड बैंक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 04:55 AM

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भारत सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक सुधार की वजह से भारत में अन्य उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले ग्रोथ की ज्यादा क्षमता है। यह बात वल्र्ड बैंक ने कही। वल्र्ड बैंक के मुताबिक 2018 में भारत की ग्रोथ रेट 7.3 प्रतिशत और अगले 2 सालों में 7.5 प्रतिशत रहने...

वाशिंगटन: भारत सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक सुधार की वजह से भारत में अन्य उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले ग्रोथ की ज्यादा क्षमता है। यह बात वल्र्ड बैंक ने कही। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2018 में भारत की ग्रोथ रेट 7.3 प्रतिशत और अगले 2 सालों में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

वल्र्ड बैंक द्वारा जारी 2018 की वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी और जी.एस.टी. से लगे शुरुआती झटकों के बावजूद हमारा अनुमान है कि 2017 के लिए भारत की ग्रोथ रेट 6.7 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक के विकास संभावना समूह के निदेशक अयहान कोस ने कहा कि हर तरह से भारत अगले 10 सालों में अन्य बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रेट दर्ज करने की ओर बढ़ रहा है, इसलिए मैं शॉर्ट टर्म ग्रोथ रेट पर फोकस न करके भारत की लांग टर्म ग्रोथ रेट पर फोकस करूंगा। 

भारत से पिछड़ रहा है चीन  
उन्होंने बताया कि चीन से तुलना करें तो चीन की ग्रोथ रफ्तार धीमी हो रही है और वल्र्ड बैंक को उम्मीद है कि भारत की ग्रोथ रेट में धीरे-धीरे तेजी आएगी। 2017 में चीन की ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रही, जो भारत से 0.1 प्रतिशत ज्यादा है। 2018 में चीन की ग्रोथ रेट 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले दो सालों की बात करें तो चीन की ग्रोथ रेट में मामूली तौर पर गिरावट आएगी और यह क्रमश: 6.3 और 6.2 प्रतिशत रहेगी। 

निवेश बढ़ाने के उपाय करने की जरूरत 
कोस ने कहा कि अपनी ग्रोथ क्षमता को भुनाने के लिए भारत को निवेश बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही नॉन परफॉर्मिंग लोन और प्रॉडक्टिविटी को लेकर भी उपाय करने की जरूरत है। लेबर मार्कीट को लेकर किए गए सुधार, शिक्षा व स्वास्थ्य सुधार और निवेश की रुकावटों को दूर किया जाना भी भारत के प्रांस्पैक्ट्स में सुधार लाएगा। 

वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी ग्रोथ रेट: सी.एस.ओ. 
सैंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (सी.एस.ओ.) द्वारा जारी जी.डी.पी. के एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में जी.डी.पी. ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रह सकती है, जो बीते 4 साल यानी मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे निचला स्तर होगा। चीफ स्टैटिस्टीशियन टी.सी.ए. अनंत ने कहा कि अप्रैल-सितम्बर छमाही की तुलना में अक्तूबर-मार्च छमाही के दौरान जी.डी.पी. ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है। 

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