उद्योग जगत ने GST घटाने का स्वागत किया, सीमेंट उद्योग निराश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 11:01 AM

industry welcomes gst reduction  cement industry disappointed

उद्योग एवं व्यापार जगत ने विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की दरें घटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जाहिर कि है इससे उपभोक्ताओं और उद्योग धंधा करने वालों को राहत मिलेगी, बाजार में मांग बढ़ेगी और कर व्यवस्था के...

नई दिल्लीः उद्योग एवं व्यापार जगत ने विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की दरें घटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जाहिर कि है इससे उपभोक्ताओं और उद्योग धंधा करने वालों को राहत मिलेगी, बाजार में मांग बढ़ेगी और कर व्यवस्था के सरल होने से इकाइयां इसको अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगी।

उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, एकमुश्त कर योजना के तहत कारोबार की सीमा को ऊंचा करने से छोटे व्यवसायियों को बड़ी राहत होगी। उन्होंने कहा कि परिवर्तनों के परिणाम अगले एक-दो महीनों में देखने को मिलेंगे। असंगठित क्षेत्र के खुदरा व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट) ने एक बयान में कहा कि उपभोक्ताओं और कारोबारियों को दी गई राहत पासा पलटने वाली है, इससे कर प्रणाली आसान होगी और इकाइयां इसको अपनाने को प्रोत्साहित होंगी। वहीं, सीमेंट उद्योग से जुड़े संगठन ने जी.एस.टी. परिषद द्वारा इस उद्योग को 28 प्रतिशत की उच्चतम दर के स्लैब में बनाए रखने पर निराशा जाहिर की है।

सीमेंट मैन्युफ्रैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र चौकसी ने कहा कि सीमेंट को विलासिता वस्तुओं पर लगने वाले कर के दायरे में रखना दुर्भाग्यपूर्ण है। संगठन का कहना है कि सीमेंट ‘स्वच्छ भारत’ और ‘सबके लिए मकान’ तथा बुनियादी ढांचा के निर्माण जैसी विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण सामग्री है। एंजेल ब्रोकिंग के फंड मैनेजर मयुरेश जोशी ने गुवाहटी में संपन्न हुई जी.एस.टी. परिषद के निर्णय को मोटे तौर पर उम्मीद के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि रियायतों से सरकारी राजस्व को सालाना 20,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है, लेकिन सरकार को यह भी उम्मीद है कि बेहतर अनुपालन से इसकी भरपाई हो जाएगी।     

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