Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 11:09 AM
वेतनभोगी वर्ग तथा कारोबार जगत द्वारा किए जाने वाले आयकर भुगतान में असमानता है। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली 7 लाख कम्पनियों में से करीब 50 प्रतिशत शून्य या नकारात्मक आय दिखाती हैं।
नई दिल्ली : वेतनभोगी वर्ग तथा कारोबार जगत द्वारा किए जाने वाले आयकर भुगतान में असमानता है। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली 7 लाख कम्पनियों में से करीब 50 प्रतिशत शून्य या नकारात्मक आय दिखाती हैं।
अधिया ने कहा कि सरकार फूलप्रूफ प्रौद्योगिकी प्रणाली के जरिए विभिन्न वर्ग के लोगों द्वारा किए जाने वाले कर भुगतान में असमानता दूर करने का प्रयास कर रही है। वित्त सचिव ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने और उससे पहले नोटबंदी के बाद से करदाता आधार बढ़ा है। भारत को एक कर अनुपालन वाला समाज बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल और इन्वॉयस मिलान से इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) की बजट बाद बैठक को संबोधित करते हुए अधिया ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में वेतनभोगी लोग कारोबारी लोगों की तुलना में अधिक कर अदा कर रहे हैं।
आकलन वर्ष 2016-17 में 1.89 करोड़ वेतनभोगी लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए और कुल 1.44 लाख करोड़ रुपए का कर दिया। प्रति व्यक्ति वेतनभोगी करदाता यह औसतन 76,306 रुपए बैठता है। वहीं 1.88 करोड़ व्यक्तिगत कारोबारी करदाताओं और पेशेवरों ने कुल 48,000 करोड़ रुपए का कर अदा किया। औसतन यह प्रति कारोबारी करदाता 25,753 रुपए बैठता है। अप्रैल, 2014 में प्रभावी करदाता आधार 6.47 करोड़ का था जो मार्च, 2017 तक बढ़कर 8.27 करोड़ हो गया। अधिया ने कहा कि जी.एस.टी. का भविष्य उज्ज्वल है। जी.एस.टी. में ईमानदारी का फायदा होगा।