तंबाकू कंपनियों में हिस्सेदारी घटाने को तैयार नहीं बीमा कंपनियां

Edited By ,Updated: 11 May, 2017 10:37 AM

insurance companies not willing to cut stake in tobacco companie

सरकारी बीमा कंपनियों के अधिकारियों का मानना है कि उन्हें आई.टी.सी. जैसी तंबाकू कंपनियों में निवेश घटाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

नई दिल्ली: सरकारी बीमा कंपनियों के अधिकारियों का मानना है कि उन्हें आई.टी.सी. जैसी तंबाकू कंपनियों में निवेश घटाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे निवेश का असल मकसद पॉलिसी होल्डर्स के पैसे पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न हासिल करना होता है। देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक और सरकारी कंपनी लाइफ इंश्योरैंस कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एल.आई.सी.) का आई.टी.सी. में 16.29 प्रतिशत हिस्सा है। स्पैशल अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के जरिए आई.टी.सी. में सरकार का 9.10 प्रतिशत हिस्सा है।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले 2 अधिकारियों ने बताया कि सभी बीमा कंपनियां कोर्ट में यह कहने जा रही हैं कि जो पैसा निवेश किया गया है, वह शेयर होल्डर्स का नहीं बल्कि पॉलिसी होल्डर्स का है और ऐसे निवेश को सुरक्षित रखना तथा उस पर अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करना बीमा कंपनियों की जिम्मेदारी है। यह घटनाक्रम सरकार बीमा कंपनियों और इरडा के बीच अनौपचारिक चर्चा के बाद सामने आया है। इरडा के भी अपने जवाब में मौजूदा गाइडलाइंस का हवाला देने की उम्मीद है।

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