पेमैंट प्लान का चयन

Edited By ,Updated: 30 Sep, 2016 02:47 PM

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अपनी जरूरतों तथा पसंद पर खरा उतरने वाले आवास की तलाश में लोगों को खूब पसीना बहाना पड़ता है। यह तलाश पूरी होने पर उनका खुशी से फूले न समाना जायज है

जालंधरः अपनी जरूरतों तथा पसंद पर खरा उतरने वाले आवास की तलाश में लोगों को खूब पसीना बहाना पड़ता है। यह तलाश पूरी होने पर उनका खुशी से फूले न समाना जायज है परंतु इतना ही काफी नहीं है। इस आवास को अपना आशियाने बनाने के लिए आपको उसकी कीमत अदा करनी होगी। हालांकि, सही प्लान का चयन बेहद जरूरी है ताकि आपको बाद में किसी तरह की वित्तीय दिक्कत का सामना न करना पड़े।  

उपयुक्त पेमैंट प्लान का फैसला करते वक्त अधिकतर लोगों को परेशानी होती है। कुछ को अपने लिए सही पेमैंट प्लान समझ में नहीं आता है तो कुछ लोग डिवैल्पर द्वारा दिए जा रहे लुभावने पेमैंट प्लान के पीछे  छुपी उसकी नीयत पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। पजैशन-लिंक्ड प्लान का चयन करने पर मैं ठगा तो नहीं जाऊंगा? जैसे ढेरों सवाल उनके मन में उभरते हैं। यदि आपको भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो यहां विस्तार से अलग-अलग पेमैंट प्लान्स के बारे में दी जा रही जानकारी आपकी इस समस्या को सुलझाने में मददगार साबित होगी। 

टाइम लिंक्ड प्लान 
बिल्डर के नजरिए से यह सबसे सुविधाजनक पेमैंट प्लान है। ग्राहक को समयबद्ध अदायगी करनी होती है। उसका बिल्डर के साथ कांट्रैक्ट होता है जिसके तहत बिल्डर द्वारा निर्धारित वक्त पर उसे एक तय राशि या किस्त अदा करनी पड़ती है। इस प्लान के तहत निर्माण किसी भी चरण पर हो या उसका काम रुका ही क्यों न हो, ग्राहक को पेमैंट करनी पड़ती है। 

किन के लिए उपयुक्त है
इस प्लान का चयन किया जा सकता है यदि निर्माण मध्य चरण में पहुंच चुका हो और ग्राहक के पास कुल मूल्य से 20-25 प्रतिशत धन कम हो। 

लाभ 
* उपलब्ध फंड्स के अनुरूप ग्राहक अपनी वित्तीय योजना बना सकता है।
* बिल्डरों को भी वक्त पर पेमैंट मिलने का भरोसा रहता है, फिर चाहे बाजार में मंदी हो या तेजी।
* रियल एस्टेट रैगुलेटरी कानून के तहत भी इस प्लान का चयन करने पर ग्राहक अधिक सुरक्षित रहेंगे। 

हानि 
* यह प्लान निर्माण से संबंधित नहीं होते यानी निर्माण में देरी होने पर भी ग्राहक को पेमैंट करनी होगी। 
* पेमैंट में देरी होने पर भारी जुर्माना देना पड़ता है। 
* ऐसे प्लान के तहत होम लोन मिलना भी अत्यधिक कठिन है क्योंकि आमतौर पर बैंक इस योजना के लिए ऋण देने से कतराते हैं।

फ्लैक्सी पेमैंट प्लान
यह डाऊनपेमैंट प्लान तथा कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्लान का मिश्रित रूप है। खरीदार को 10 प्रतिशत रकम बुकिंग के वक्त अदा करनी होती है। 30-40 प्रतिशत बुकिंग के एक महीने के भीतर तथा बाकी 40-50 प्रतिशत को निर्माण के विभिन्न चरणों के अनुरूप अदा किया जाता है, जैसा कि कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्लान में होता है। नई रकम  की अदायगी आवास का कब्जा मिलने पर की जाती है।

किन के लिए उपयुक्त है 
ग्राहक के लिए पेमैंट का यह एक सुरक्षित ढंग है क्योंकि इसमें उसे भरोसा तथा आसानी से किस्तों में अदायगी का अवसर मिलता है। 

लाभ
* ग्राहकों के लिए यह सबसे ज्यादा सुरक्षित पेमैंट प्लान है।
* निर्माण पूरा होने के करीब पहुंचने पर ही ग्राहक को कुल कीमत का बड़ा हिस्सा अदा करना होता है। 
* ग्राहक को अपनी सुविधा तथा वित्त उपलब्धता के अनुरूप प्लान मिलता है।

हानि 
* डिस्काऊंट्स न्यूनतम होते हैं।
* डिवैल्पर्स कई बार ऐसे प्लान के लिए ग्राहकों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं। 
* सभी बैंक इस प्लान के लिए तहत होम लोन नहीं देते हैं।

डाऊनपेमैंट प्लान
यह एक सबसे आम प्लान है जो होम लोन लेकर घर खरीदने वालों पर लागू होता है। इसके तहत खरीदार  मकान की कुल कीमत का 10 से 15 प्रतिशत रकम बुकिंग अमाऊंट के रूप में डिवैल्पर को अदा करता है जिसे डाऊनपेमैंट कहा जाता है। बाकी की राशि में से 80 से 85 प्रतिशत रकम बुकिंग के 30 से 90 दिनों के भीतर अदा करनी होती है। बची हुई 5 या 10 प्रतिशत राशि घर का कब्जा मिलने पर अदा की जाती है। 

किन के लिए उपयुक्त है 
यदि आपने जो घर पसंद किया है वह निर्माण पूरा होने जा रही आवासीय परियोजना में स्थित है, आपके पास धन है तथा आपको डिवैल्पर पर भरोसा है तो इस प्लान का चयन किया जा सकता है। 

लाभ 
* ग्राहक के पास मोलभाव व सौदेबाजी की ताकत रहती है।
* डिवैल्पर पर सम्पत्ति का कब्जा तय समय में देने का दबाव व जिम्मेदारी रहती है।
* इससे ग्राहक को एक साथ सारी रकम का इंतजाम करने से बचते हुए सम्पत्ति की बुकिंग करने में सरलता होती है। 

हानि
* कोई गारंटी नहीं कि आपके धन का प्रयोग कहां होगा। कई बार डिवैल्पर ग्राहकों की रकम का इस्तेमाल अपनी अन्य आवासीय परियोजनाओं के निर्माण हेतु भी करते हैं। 
* इस योजना के तहत ब्याज पहले दिन से लागू होता है।
* यदि ग्राहक होम लोन ले रहा है तो उसकी किस्तें बैंक द्वारा रकम अदा करने के साथ ही लागू हो जाती हैं।

कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्लान
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह प्लान निर्माण के विभिन्न चरणों से संबंधित है। खरीदार को बुकिंग के 90 दिनों के भीतर कुल कीमत की 25 से 30 प्रतिशत राशि अदा करनी होती है। निर्माण के बाकी की रकम अलग-अलग चरण के पूरा होने पर किस्तों में अदा की जाती है।  

किन के लिए उपयुक्त है 
ग्राहक को इस पेमैंट प्लान का चयन करना चाहिए यदि उसके पास पूरा पैसा उपलब्ध न हो और आवासीय परियोजना का निर्माण अभी शुरूआती चरण में हो।

लाभ 
* निर्माण में देरी से जुड़े जोखिम न्यूनतम होते हैं।
* इस बाबत भी ग्राहक सुरक्षित रहता है कि निर्माण में देरी होने पर उससे पेमैंट की मांग नहीं की जा सकती है।
* यह प्लान डिवैल्पर के लिए भी लाभदायक है क्योंकि निर्माण के साथ-साथ उन्हें राशि प्राप्त होती रहती है।

हानि
* परियोजना के निर्माण में देरी होने पर उसमें ग्राहक की रुचि खत्म हो सकती है।
* बड़ी राशि एक साथ प्राप्त करने के लिए डिवैल्पर पेमैंट शैड्यूल में हेरफेर कर सकते हैं।
* होम लोन के नजरिए से यह प्लान महंगे साबित होते हैं क्योंकि ग्राहक को सम्पत्ति के निर्माण के दौरान भी ब्याज अदा करना पड़ता है। 

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