Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 05:03 PM
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आज कहा कि देश में इस्लामी बैकिंग की व्यवस्था शुरू किए जाने से देश के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। दरअसल, पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने इस्लामी बैंकिंग व्यवस्था शुरू करने के प्रस्ताव पर आगे...
नई दिल्लीः प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आज कहा कि देश में इस्लामी बैकिंग की व्यवस्था शुरू किए जाने से देश के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। दरअसल, पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने इस्लामी बैंकिंग व्यवस्था शुरू करने के प्रस्ताव पर आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि सभी लोगों के सामने बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं के समान अवसर पर विचार किये जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। जमात-ए-इस्लामी के महासचिव इंजीनियर सलीम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह चिंता की बात है कि सरकार ने इस्लामी बैंकिंग की व्यवस्था आरंभ करने से इनकार कर दिया है। हमारा मानना है कि सरकार के इस रुख की वजह से सियासी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई को चाहिए कि वह इस्लामी बैंकिंग के प्रस्ताव को धार्मिक नजरिए से नहीं, बल्कि व्यापार के नजरिए से देखे। इस्लामी बैंकिंग की व्यवस्था शुरू करने से देश के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।’’