Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 04:09 PM
टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी टैक्स के संबंध में बड़ा कदम उठाया है। टैक्स अधिकारियों ने बडी फूड चेन कंपनियों से उनके मेन्यु प्राइस को लेकर जानकारी मांगी है। उनसे पूछा गया है कि 15 नवंबर को जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव के पहले और बाद में उनके यहां फूड...
नई दिल्लीः टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी टैक्स के संबंध में बड़ा कदम उठाया है। टैक्स अधिकारियों ने बडी फूड चेन कंपनियों से उनके मेन्यु प्राइस को लेकर जानकारी मांगी है। उनसे पूछा गया है कि 15 नवंबर को जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव के पहले और बाद में उनके यहां फूड आइटम्स के दाम क्या थे। सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त होना चाहती है कि रेस्तरां में खाने पर कम हुए टैक्स स्लैब का फायदा उपभोक्ताओं को मिल रहा है या नहीं।
प्राइस कट को लेकर विज्ञापन होंगे जारी
नैशनल रेस्तरां असोसिएशन ऑफ इंडिया ने बताया कि वे जल्द ही प्राइस कट को लेकर विज्ञापन जारी करेंगे। स्टेट जीएसटी अथॉरिटी ने भी फोन कॉल कर रेस्तरां मालिकों से इस बारे में कई सवाल पूछे हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह एक्सरसाइज डेटा इकट्ठा करने के लिए की गई है। इस बारे में मैकडॉनल्ड के प्रवक्ता ने बताया, 'कई रेस्तरां असोसिएशन और ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के रेस्तरां मालिकों संबंधित अथॉरिटीज से जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया पर जानकारी मांगी गई है।'
उपभोक्ताओं को मिले टैक्स कटौती का फायदा
सेंट्रल बॉर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टमस के चेयरमैन वनाजा सर्ना ने बताया, 'हम इस संबंध में उचित विवरण प्रस्तुत करने की प्रक्रिया में हैं।' उन्होंने बताया कि रेस्तरां मालिकों और कंपनियों से उपभोक्ताओं को टैक्स कट का फायदा देने को कहा है। 15 नवंबर को गुवाहटी में जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी तरह के रेस्तरां को 12% और 18% के स्लैब से निकालकर 5% के दायरे में लाया गया था। साथ ही रेस्तरां मालिकों का टैक्स इनपुट क्रेडिट नहीं देने का फैसला भी लिया था। इसके अलावा फूड आइटम पैक कराने और डिलिवरी कराने पर भी 5% टैक्स भी लागू किया गया था।