Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jan, 2018 10:00 AM
मकान खरीदारों के साथ कानूनी विवादों में उलझे जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड ने शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार 125 करोड रूपए उच्चतम न्यायालय में जमा करा दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि जेपी एसोसिएट ने परेशानहाल मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम...
नई दिल्लीः मकान खरीदारों के साथ कानूनी विवादों में उलझे जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड ने शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार 125 करोड रूपए उच्चतम न्यायालय में जमा करा दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि जेपी एसोसिएट ने परेशानहाल मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इसकी रजिस्ट्री में अभी तक 425 करोड रूपए जमा कराए थे और उसे शेष 125 करोड रूपए कल तक जमा कराने थे।
जेपी एसोसिएट लि को न्यायालय के निर्देशानुसार इसकी रजिस्ट्री में 550 करोड रूपए जमा कराने थे। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस कंपनी को किस्तों में रजिस्ट्री में 2000 करोड रूपए जमा कराने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने दस जनवरी को इस फर्म को देश में उसकी आवासीय परियोजनाओं का विवरण पेश करने का निर्देश देते हुए कहा था कि मकान खरीदारों को उनके मकान मिलने चाहिए और नहीं तो उनका धन लौटाया जाना चाहिए। इस फर्म को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही करने के लिये आईडीबीआई बैंक की याचिका नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल ने पिछले साल दस अगस्त को विचारार्थ स्वीकार किये जाने के बाद सैकड़ों मकान खरीदार संकट में आ गए थे और उन्होंने अपने हितों की रखा के लिये न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।