Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 11:30 AM
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज पैट्रोल, डीजल की ऊंची कीमतों पर कहा कि सरकार को सार्वजनिक खर्च के लिए राजस्व
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज पैट्रोल, डीजल की ऊंची कीमतों पर कहा कि सरकार को सार्वजनिक खर्च के लिए राजस्व समर्थन की जरूरत होती है, जिससे वृद्धि के रास्ते में रुकावट न आए। जेतली ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि सरकार पैट्रोल और डीजल से उत्पाद शुल्क की दरों में कटौती कर सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों द्वारा ईंधन पर ऊंचा बिक्रीकर और वैट लिया जाता है। हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि नवम्बर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान पैट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपए प्रति लीटर बढ़ा है जबकि डीजल पर इसमें 13.47 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ गायब हो गया।
वित्तमंत्री ने कहा कि आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि सरकार को पैसे की जरूरत होती है। आप कैसे राजमार्ग बना सकते हैं? सरकार ने बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया है। सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की जो भी वृद्धि दर है वह सार्वजनिक खर्च और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वजह से है। यदि सार्वजनिक खर्च कम किया जाता है तो इसका मतलब सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च में कटौती करना होगा। ईंधन कीमतों में हालिया बढ़ौतरी पर जेतली ने कहा कि आपको कई चीजें देखनी पड़ती हैं। अमरीका में तूफान की वजह से रिफाइनिंग क्षमता प्रभावित हुई है। इससे मांग-आर्पूति का असंतुलन पैदा हुआ है जिससे अस्थायी रूप से दाम बढ़े हैं। जेतली ने कहा कि केंद्र सरकार पैट्रोलियम उत्पादों से जो कर जुटाती है उसका 42 प्रतिशत राज्यों के खाते में जाता है।