जूट की बोरी में होगी खाद्यान्न और चीनी की पैकिंग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 04:37 PM

jute sacks will be food and sugar packing

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सी.सी.ई.ए.) ने चीनी और खाद्यान्न उत्पादों की जूट के बोरों में पैकिंग को अनिवार्य कर दिया है। यह नियम जून, 2018 में समाप्त हो रहे वर्ष के लिए बनाया गया है। सरकार के इस कदम से जूट क्षेत्र की प्रमुख मांग बरकरार...

नई दिल्लीः आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सी.सी.ई.ए.) ने चीनी और खाद्यान्न उत्पादों की जूट के बोरों में पैकिंग को अनिवार्य कर दिया है। यह नियम जून, 2018 में समाप्त हो रहे वर्ष के लिए बनाया गया है। सरकार के इस कदम से जूट क्षेत्र की प्रमुख मांग बरकरार रहेगी और यह इस काम में लगे मजदूरों और किसानों की आजीविका की जरूरत को पूरा करेगा।

उल्लेखनीय है कि देश के पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में एक बड़ा तबका जूट का काम करता है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘सी.सी.ई.ए. ने जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम-1987 के तहत अनिवार्य पैकिंग नियमों का विस्तार किया है।’’ इस नियम के मुताबिक अब 90 फीसदी खाद्यान्नों और 20 फीसदी चीनी उत्पादों की पैकिंग जूट के बोरों में किया जाना अनिवार्य है। बयान में कहा गया है कि पहली बार में पूरे खाद्यान्नों को पैक करने के लिए जूट के बोरों का इस्तेमाल करने का प्रावधान है, लेकिन यह जूट उद्योग की आपूर्ति पर निर्भर करेगा। उल्लेखनीय है कि जूट उद्योग मुख्यत: सरकार के जूट उत्पादों की खरीद पर निर्भर करेगा और सरकार हर साल 5,500 करोड़ रुपए की खरीद करती है। 

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