खाने की चीजें होंगी महंगी, खराब मानसून से घट सकता है खरीफ प्रोडक्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 04:36 PM

kharif production may fall due to poor monsoon

अनियमित मानूसन के चलते इस बार खरीफ फसलों के उत्पादन को तगड़ा झटका लगेगा और खाने पीने वाली चीजों के दा...

नई दिल्लीः अनियमित मानूसन के चलते इस बार खरीफ फसलों के उत्पादन को तगड़ा झटका लगेगा और खाने पीने वाली चीजों के दाम बढ़ेंगे। इसका साधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। कृषि मंत्रालय द्वारा 2017-18 के कृषि उत्पादन को लेकर जारी पहले अनुमान के मुताबिक इस साल खरीफ उत्पादन में 3 फीसदी की कमी आ सकती है। इसके मुताबिक, मौजूदा क्रॉप ईयर में करीब 13.467 करोड़ टन खरीफ फसलों का उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि 2016-17 में रिकॉर्ड 13.852 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।

कम हुई बारिश 
आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ की दालों का उत्पादन बीते साल के 94.2 लाख टन के मुकाबले 87.1 लाख टन रहने की उम्मीद है। वहीं ऑयल सीड्स यानी तिलहन का उत्पादन बीते वर्ष के 224 लाख टन के मुकाबले 206.8 लाख टन रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार जून-सितंबर के मानूसन में अब तक 819 मिलीमीटर बारिश हुर्इ है। बारिश भी ठीक से नहीं हुई। देश के कई हिस्सों में इतनी बारिश हो गई कि वहां बाढ़ के हालात बन गए और कई जगहों पर सूखे जैसी स्थिति हो गई है।
PunjabKesari
दालों के रकबे में गिरावट
खरीफ फसलों की बुवाई जुलाई में शुरू होती है और अक्टूबर में फसल कटनी शुरू हो जाती है। यह पहला अनुमान है और इसमें अभी बदलाव होने की गुंजाइश है क्योंकि बाढ़ प्रभवित इलाकों के किसान देर से बुवाई कर पाते हैं। इसके अलावा कर्नाटक जैसे कुछ इलाकों में मानूसन बाद में सुधरा है। आंकड़ों के मुताबिक, 8 सितंबर तक खरीफ फसलों का रकबा 371.46 लाख हेक्टेयर रहा। पिछले साल इसी समय के दौरान 376.89 लाख हेक्टेयर इलाके में खरीफ की फसलों की बुवाई हुई थी। दालों के रकबे में गिरावट दिखाई दे रही है। पिछले साल 144.84 लाख हेक्टरेयर इलाके में दालों की बुवाई हुई थीस वहीं इस साल 139.17 लाख हेक्टेयर इलाके में दालों की बुवाई हुई है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!