रेलवे में LIC करेगी 1.5 लाख करोड़ निवेश, वित्त मंत्रालय का ग्रीन सिग्नल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 09:47 AM

lic to invest 1 5 lakh crore in railways

लाइफ इंश्योरैंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एल.आई.सी.) द्वारा रेलवे में 1.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना अब आगे बढ़ सकती है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इंश्योरैंस रैगुलेटर ने पहले इस योजना पर चिंता जताई थी और कहा था कि निवेश...

नई दिल्लीः लाइफ इंश्योरैंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एल.आई.सी.) द्वारा रेलवे में 1.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना अब आगे बढ़ सकती है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इंश्योरैंस रैगुलेटर ने पहले इस योजना पर चिंता जताई थी और कहा था कि निवेश के लिए बॉन्ड पर सरकार की गारंटी मांगी जानी चाहिए। एल.आई.सी. ने 2 साल पहले रेलवे के साथ मैमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके मुताबिक सरकारी कम्पनी को इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉर्पोरेशन (आई.आर.एफ.सी.) के जारी किए बॉन्ड खरीदकर यह निवेश करना था। हालांकि, इससे आई.आर.एफ.सी. की नैटवर्थ में एल.आई.सी. की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो जाती, लिहाजा इंश्योरैंस रैगुलेटर ने बॉन्ड पर सरकार से गारंटी मांगी थी। उसने यह भी कहा था कि ऑइल बॉन्ड की तरह गजट नोटीफिकेशन जारी कर इसे स्पैशल बॉन्ड का दर्जा दिया जाए।

रेल मंत्रालय को होने वाली आमदनी से वसूली जाएगी रीपेमैंट 
वित्त मंत्रालय ने इस मामले में आदेश जारी कर दिया है। उसने कहा कि आई.आर.एफ.सी. का बॉन्ड एक्सपोजर लिमिट से अधिक के निवेश के लिए मान्य है। उसने बॉन्ड पर सरकार की तरफ से गारंटी ऑफर नहीं की है लेकिन यह कहा कि ये इंश्योरैंस एक्ट की धारा 2 (3) के तहत आएंगे जिसमें रेल मंत्रालय को होने वाली आमदनी में से रीपेमैंट वसूली जाएगी। केन्द्र सरकार की आमदनी से रीपेमैंट की बात एक तरह से सॉवरेन गारंटी से भी अधिक है। इससे रकम को चुकाने की सरकार की नीयत स्पष्ट हो जाती है। वहीं, सरकार की गारंटी में पेमैंट इसे भुनाए जाने पर ही होती है। वित्त मंत्रालय ने यह बात कही है।

महत्वकांक्षी परियोजना पूरी करने में मिलेगी मदद
पिछले हफ्ते इस मामले में रेलवे, इंश्योरैंस रैगुलेटरी एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा), एल.आई.सी. और वित्त मंत्रालय की बैठक हुई थी। उसके बाद स्पष्टीकरण दिया गया है। मीटिंग में चर्चा हुई थी कि क्या इसे बिना सरकार की गारंटी के हायर लिमिट वाली अप्रूव्ड इन्वैस्टमैंट कैटेगरी में डाला जा सकता है। एल.आई.सी. के निवेश करने से रेलवे की फंडिंग कॉस्ट कम होगी। इससे रेलवे को अगले कुछ सालों में पूरे ट्रैक के विद्युतीकरण जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने में मदद मिलेगी। पीयूष गोयल ने अगस्त में रेल मंत्रालय का जिम्मा संभाला था। उन्होंने कहा कि रेलवे अगले 5 सालों में 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने की योजना पर काम कर रहा है।

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