Edited By ,Updated: 06 Feb, 2017 02:21 PM
बजट 2017-18 में सस्ते घर के जरिए रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने की तैयारी है। मोदी सरकार अपने 2014 के चुनावी वादे ''सबके लिए घर'' और सस्ते घर की घोषणा को पूरा करने की कोशिश में है।
नई दिल्लीः बजट 2017-18 में सस्ते घर के जरिए रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने की तैयारी है। मोदी सरकार अपने 2014 के चुनावी वादे 'सबके लिए घर' और सस्ते घर की घोषणा को पूरा करने की कोशिश में है। इसके लिए अहम है देश में घर खरीदने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध हो।
इस हफ्ते होने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल को ब्याज दरों में कटौती पर फैसला ले सकते हैं। मौद्रिक मामलों के जानकारों का मानना है कि इस मौद्रिक समीक्षा में उर्जित पटेल समेत 6 सदस्यीय मौद्रिक समीक्षा कमेटी रेपो रेट में 0.25 से 0.50 फीसदी की कटौती कर सकती है।
नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को मोदी सरकार के आम बजट का बेसब्री से इंतजार था। नोटबंदी ने इसी सेक्टर में सबसे ज्यादा लोगों को बेरोजगार किया। प्रतिबंधित की गई 500 और 1000 रुपए की करेंसी ने इस सेक्टर को लगभग ठप कर दिया क्योंकि सेक्टर को रफ्तार इसी करेंसी से मिलती थी।
इस सेक्टर में सुधार के अहम कानून बनाए जा चुके हैं। बजट ने सेक्टर की उम्मीद के मुताबिक ऐसे प्रावधान किए हैं जिससे लंबे समय से मंदी के दौर से गुजर रहा सेक्टर वापस रोजगार के साथ-साथ आम आदमी का घर का सपना पूरा कर सके।