Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 08:23 PM
उज्ज्वला योजना के तहत किस्त पर गैस चूल्हा देने के बाद अब सरकार रसोई गैस (एल.पी.जी.) सिलेंडर की रिफिलिंग भी किस्त पर करने की योजना बना रही है ताकि रोज कमाने-खाने वाले गरीब परिवार भी इसका लाभ ले सकें। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र...
नई दिल्ली: उज्ज्वला योजना के तहत किस्त पर गैस चूल्हा देने के बाद अब मोदी सरकार रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर की रिफिलिंग भी किस्त पर करने की योजना बना रही है ताकि रोज कमाने-खाने वाले गरीब परिवार भी इसका लाभ ले सकें।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज यहां विनएलपीजी (एलपीजी में महिला) के भारतीय चैप्टर की शुरुआत के मौके पर कहा कि सरकार ऐसी योजना पर विचार कर रही है जिसमें रिफिल वाले सिलेंडर की कीमत भी एकमुश्त न/न देकर किस्तों में देने की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पायलट परियोजना जल्द शुरू की जाएगी।
जितनी गैस इस्तेमाल की देना होगा सिर्फ उतना पैसा
प्रधान ने कहा कि विनएलपीजी के वैश्विक चैप्टर ने इस संबंध में सलाह दी थी। दुनिया के कुछ देशों में सिलेंडर में स्मार्ट मीटर की व्यवस्था का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें उपभोक्ताओं से उतना ही पैसा लिया जाता है जितने की गैस इस्तेमाल की गई है। इसी तर्ज पर देश में भी ऐसी व्यवस्था की जा सकती है। इससे पहले सुबह एक सत्र के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की महाप्रबंधक (एलपीजी ग्रामीण विपणन)अपर्णा अस्थाना ने कहा कि गांवों में कई ऐसे परिवार है जिनके पास दैनिक बचत तो होती है, लेकिन वे एकमुश्त राशि नहीं दे सकते। इसलिए कोई ऐसी वित्तीय व्यवस्था होनी चाहिए जिससे किस्तों में उन्हें रिफिल सिलेंडर भी उपलब्ध कराया जा सके।
खतरे में पांच लाख महिलाओं की जिंदगी
प्रधान ने भारत में विनएलपीजी की प्रासंगिकता को ज्यादा महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां मुख्य रूप से एलपीजी का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए होता है। उन्होंने कहा कि आज भी चुनौती समाप्त नहीं हुई है। मिट्टी के तेल, लकड़ी, गोबर के उपले आदि पर खाना बनाने के कारण होने वाले प्रदूषण से पांच लाख महिलाओं की जिंदगी खतरे में हैं। गरीब महिला को पता नहीं चलता कि इस धुएं से हर घंटे 400 सिगरेट के बराबर प्रदूषण उसके फेफड़ें में जाता है। उज्ज्वला योजना में लाभार्थियों के रिफिल नहीं कराने की खबरों के बारे में उन्होंने कहा कि योजना में 60 प्रतिशत लाभार्थियों ने पिछले एक साल में औसतन चार सिलेंडर रिफिल कराया है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कुछ इलाकों में शून्य रिफिल है। इंडियन ऑयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि एलपीजी उद्योग के कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब नौ प्रतिशत है और इसे बढ़ाने की दिशा में अभी काफी सफर तय किया जाना है।