मंडी गोबिंदगढ़ से लुधियाना की फर्नेसों ने खरीदे 60 करोड़ से ज्यादा के बिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 09:18 AM

ludhiana furnaces from purchase more than 60 crores bill

जी.एस.टी. बिल घोटाला इतना बड़ा होता जा रहा है कि अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है। पंजाब के जी.एस.टी. विभाग ने आज मंडी गोबिंदगढ़ में एक ही व्यक्ति की 6 फर्मों पर छापा मारकर 200 से ज्यादा बिलों की फाइलें कब्जे में ली हैं।

लुधियानाः जी.एस.टी. बिल घोटाला इतना बड़ा होता जा रहा है कि अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है। पंजाब के जी.एस.टी. विभाग ने आज मंडी गोबिंदगढ़ में एक ही व्यक्ति की 6 फर्मों पर छापा मारकर 200 से ज्यादा बिलों की फाइलें कब्जे में ली हैं। पंजाब केसरी ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया था जिसके बाद अफसरशाही हरकत में आई थी।

200 से ज्यादा फाइलें बरामद
जानकारी के मुताबिक मंडी में एडिशनल कमिश्नर सौरभ राज के नेतृत्व में ए.ई.टी.सी. राजेश भंडारी, ई.टी.ओ. इंवैस्टीगेशन सिमरन बराड़ और दो महिला ई.टी.ओ. ने बी.डी. काम्पलैक्स के नजदीक सैमी धीमान नामक शख्स के घर पर दबिश दी। छानबीन के दौरान वहां से सैमी धीमान की पेरैंट कंपनी धीमान पी.के. एसोसिएट, श्री बाला जी इंटरनैशनल, श्री बाला जी इम्पैक्स, जी.बी. स्टील इंटरनैशनल, वर्धमान इंटरनैशनल और अमीटो इम्पैक्स की 200 से ज्यादा बिलों की फाइलें मिलीं। वर्धमान इंटरनैशनल सैमी धीमान के भाई साहिल धीमान के नाम पर रजिस्टर्ड है, बाकी की सारी कंपनियां सैमी धीमान के नाम पर चल रही हैं। अधिकारियों ने बीते दिनों एक गुप्त सूचना के आधार पर बैंक ऑफ  महाराष्ट्र से कुछ कंपनियों की स्टेटमैंट निकलवाई थी, जिसमें सामने आया कि धीमान पी.के. एसोसिएट और वर्धमान इंटरनैशनल के अकाऊंट में 1 जुलाई 2017 से दिसम्बर-2017 तक 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की आर.टी.जी.एस. लुधियाना की कंपनियों की ओर से आई है। इनमें अधिकतर कंपनियां फर्नेस के कारोबार से जुड़ी हुई हैं।

पंजाब केसरी ने पहले ही दे दी थी जानकारी
बता दें कि पंजाब केसरी ने पहले ही स्टेटमैंट के बारे में जानकारी दे दी थी। बताया था कि करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है। इसके अतिरिक्त विभाग ने बीते कल आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से अन्य 4 कंपनियों की स्टेटमैंट निकलवाई, उनमें भी 30 करोड़ से ज्यादा की ही ट्रांजैक्शन होने की संभावना दिखाई दे रही है। ई.टी.ओ. सिमरन बराड़ ने बताया कि दिसम्बर के बाद से आज तक उक्त आरोपियों ने श्री बाला जी इंटरनैशनल और श्री बाला जी इम्पैक्स से बिलिंग करनी शुरू की हुई है। कागजों से यह भी पता चला है कि उक्त कंपनियों ने वैट के बिलों में भी उन कंपनियों से परचेज दिखा रखी है, जो बंद हो चुकी हैं। लुधियाना की एच.बी. स्टील से करीब 2.55 करोड़ और जय मां स्टील से 1.23 करोड़ की परचेज के बिल मिले हैं। उन्होंने जब बिल खरीदे उससे पहले ही इन कंपनियों के वैट नंबर रद्द हो चुके हैं। ई.टी.ओ. बराड़ के मुताबिक इन कंपनियों के दोनों मालिकों को सोमवार को पटियाला आफिस में आकर सारी ट्रांजैक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए बुलाया गया है। जी.एस.टी. बिल घोटाला है या नहीं और या कितने का है, इसका सही पता पूरी छानबीन के बाद ही चल पाएगा।

बिल खरीदने वाली फर्नेस इकाइयों पर कसेगा शिकंजा
लुधियाना की जिन फर्नेस इकाइयों ने उक्त कंपनियों से स्क्रैप के बिल खरीदे हैं, उन पर भी विभाग ने शिकंजा कसने के लिए कमर कस ली है। इनमें ऐसी नामी कंपनियां भी हैं, जिनके बारे में जाली बिल खरीदने के बारे में बात करना भी उचित नहीं लगता, लेकिन रिकार्ड में आ चुका है कि उक्त कंपनियों ने मंडी गोबिंदगढ़ की उक्त कंपनियों के अकाऊंट में करोड़ों रुपए आर.टी.जी.एस. के जरिए जमा करवाए हैं। इनकी लिस्ट पंजाब केसरी के पास आ गई है, लेकिन विभाग की छानबीन पूरी होने के बाद ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। फिलहाल इन पर जांच जोरों से चल रही है।

निर्माताओं ने साइकिल पार्ट्स को आटो पार्ट्स 
सूत्रों से पता चला है कि साइकिल पार्ट्स के निर्माताओं ने पार्ट्स को आटो पार्ट्स की कैटेगरी में डालकर बंगलादेश में निर्यात किया है। साइकिल पार्ट्स पर 12 प्रतिशत और आटो पार्ट्स पर 28 फीसदी जी.एस.टी. है। साइकिल पार्ट्स निर्माता कंपनियों ने जाली बिल 5 फीसदी में खरीदकर उसे आटो पार्ट्स की कैटेगरी में डालकर विभाग से 28 प्रतिशत का रिफंड क्लेम कर लिया है। साइकिल की चेन को मोटरसाइकिल की चेन दिखाकर भारी मात्रा में रिफंड क्लेम किए जा रहे हैं। यही वजह है कि निर्यातकों के जी.एस.टी. रिफंड रुक गए हैं। इन पर जांच चल रही है। इनमें लुधियाना की करीब 27 कंपनियां सामने आई हैं, जिन्होंने साइकिल पार्ट्स को आटो पार्ट्स की कैटेगरी में दिखाकर बंगलादेश में निर्यात किया है।

...जब सैमी धीमान ने स्वयं को कमरे में बंद कर लिया
जैसे ही सुबह 9.45 बजे विभाग की टीम ने सैमी धीमान के घर पर दबिश दी, तो उसने डरकर अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया। करीब 4 घंटे के बाद पुलिस को बुलाकर जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन उससे पहले ही उसके स्टोर रूम से 200 से ज्यादा बिलों की फाइलें रिकवर हो चुकी थीं।

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