भारी घाटे से उभरने के लिए BSNL और MTNL का मर्जर जरुरीः MTNL

Edited By ,Updated: 17 Apr, 2017 01:35 PM

mergers of bsnl and mtnl to emerge from huge losses mtnl

सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एम.टी.एन.एल. और बी.एस.एन.एल. का विलय परिचालन में तालमेल के लिए जरूरी है।

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एम.टी.एन.एल. और बी.एस.एन.एल. का विलय परिचालन में तालमेल के लिए जरूरी है। महानगर   टैलीफोन निगम लिमिटेड यानी एम.टी.एन.एल. के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर पी.के. पुरवार ने कहा कि बेहद प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में अखिल भारतीय स्तर पर मजबूत मौजूदगी के लिए ऐसा विलय जरूरी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब बी.एस.एन.एल.-एम.टी.एन.एल. के विलय को लेकर चर्चा चल रही है। एक संसदीय समिति ने हाल में कहा है कि दूरसंचार विभाग की इस विलय प्रस्ताव को जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखने की योजना है।

सफलता के लिए विलय जरुरी
पुरवार के मुताबिक, उद्योग का एकीकरण हो रहा है। यह बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. का मुद्दा नहीं है। दोनों का विलय वांछित है। एम.टी.एन.एल. दिल्ली व मुंबई में टैलीकॉम सेवाएं मुहैया कराने वाली सरकारी कंपनी है। यह कंपनी भारी घाटे में चल रही है। आपको बता दें कि संसद की एक समिति ने बी.एस.एन.एल. और एम.टी.एन.एल. के विलय का सुझाव दिया गया था। संसद की एक स्थाई समिति के मुताबिक, इन कंपनियों की दीर्घकालिक सफलता के लिए विलय एक अच्छा प्रस्ताव हो सकता है। इसका सीधा मतलब ये है कि अगर इन दोनों कंपनियों का विलय होता है, तो एम.टी.एन.एल. खत्म होकर सिर्फ बी.एस.एन.एल. रह जाएगी।

क्या है रिपोर्ट में
संसदीय समिति ने सरकार को सुझाव दिया कि वो दोनों कंपनियों के मर्जर के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी गठित करें, जिससे इनके मर्जर की संभावनाएं तलाशी जा सकें। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर ये कंपनियों एक दूसरे के साथ विलय कर लेती हैं, तो ये दोनों कंपनियां मार्कीट में मौजूद बड़ी कंपनियों के साथ मुकाबला कर पाएंगी। साथ ही इनकी सर्विसेस में भी सुधार हो जाएगा। इसके अलावा यह भी सुझाव दिया गया है कि अगर ये मर्जर न भी करना चाहें, तो टेक्नोलॉजिक एडवांसमेंट और नेटवर्क इम्प्रूवमेंट करने के साथ इन कंपनियों को वन-टाइम फंड मुहैया कराया जाए, जिससे इनकी सर्विसेस में सुधार आ सके।

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