Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 02:36 PM
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत 7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है लेकिन वित्त मंत्रालय उनका बजट कम करने की तैयारी में है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि 7 महीने बीत जाने के बावजूद...
नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतमाला परियोजना के तहत 7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है लेकिन वित्त मंत्रालय उनका बजट कम करने की तैयारी में है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि 7 महीने बीत जाने के बावजूद मंत्रालय बजट में आवंटित राशि का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाया है। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि में से 7 फीसदी यानी 6,000 करोड़ रुपये की कटौती की जा सकती है क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
अलबत्ता सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस कटौती के खिलाफ अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रहा है और वित्त मंत्रालय को उसकी बात माननी पड़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे, बिजली, दूरसंचार और नागरिक उड्डïयन सहित बुनियादी क्षेत्र के दूसरे मंत्रालयों के आवंटन में भी कटौती करने पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है। इस प्रस्ताव के बारे में पूछने पर वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि अमूमन किसी मंत्रालय के आवंटन में कटौती इस बार पर निर्भर करती है कि उसने कितना खर्च किया है। उन्होंने सड़क मंत्रालय के बजट में कटौती के प्रस्ताव पर कुछ नहीं कहा।
मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतमाला परियोजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश से देश के पश्चिमी और पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में 20,000 किमी सड़कों का विकास किया जाएगा। परियोजना का पहला चरण 3 से 5 साल में पूरा होगा और इसके तहत 5.5 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का विकास होगा। भारतमाला परियोजना के लिए विभिन्न स्रोतों से फंड जुटाया जाएगा। इनमें से 2.09 लाख करोड़ रुपये बाजार से, 1.06 लाख करोड़ रुपये निजी निवेश से और 2.19 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सड़क कोष यानी टोल संग्रह से जुटाए जाएंगे।