रोजगार योजना पर मोदी सरकार को झटका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 10:06 AM

modi government shocks on employment scheme

रोजगार के लिए प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमैंट जैनरेशन प्रोग्राम (पी.एम.ई.जी.पी.) पर फोकस कर रही मोदी सरकार को 12 राज्यों ने झटका दिया है। इनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। मिनिस्ट्री ऑफ  माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एम.एस.एम.ई.) की एक...

नई दिल्लीः रोजगार के लिए प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमैंट जैनरेशन प्रोग्राम (पी.एम.ई.जी.पी.) पर फोकस कर रही मोदी सरकार को 12 राज्यों ने झटका दिया है। इनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। मिनिस्ट्री ऑफ  माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एम.एस.एम.ई.) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक यह राज्य प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमैंट जैनरेशन प्रोग्राम के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, दिल्ली और लक्षद्वीप शामिल हैं। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमैंट जैनरेशन प्रोग्राम में अच्छा परफॉर्म करने वाले राज्यों का नाम भी दिया गया है। इनमें आंध्रप्रदेश, गुजरात, नागालैंड, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, वैस्ट बंगाल और यू.पी. का नाम शामिल है।

क्या है राज्यों की परफॉर्मैंस 
पी.एम.ई.जी.पी. के ई-पोर्टल के मुताबिक राज्यों में युवा बेरोजगार प्रधानमंत्री रोजगार योजना का लाभ लेने के लिए अप्लाई तो कर रहे हैं लेकिन जिला स्तर पर बनी डिस्ट्रिक्ट लेबल टास्क फोर्स कमेटी द्वारा बैंकों को एप्लीकेशन फॉरवर्ड करने के मामले में 12 राज्यों की परफॉर्मैंस खराब है। मध्य प्रदेश में अप्रैल 2017 से लेकर 25 फरवरी 2018 तक 7794 एप्लीकेशन बैंकों को फॉरवर्ड की गईं, छत्तीसगढ़ में 10,487, झारखंड में 10,229, गोवा में केवल 74, तेलंगाना में 8100, अरुणाचल प्रदेश में 508, दिल्ली में 1692, उत्तर प्रदेश में अप्रैल, 2017 से लेकर 25 फरवरी 2018 तक 32,405, पश्चिम बंगाल में 16,275 और तमिलनाडु में 11927 एप्लीकेशन फॉरवर्ड की गईं।

क्या है PMEGP
पी.एम.ई.जी.पी. को प्रधानमंत्री रोजगार योजना भी कहा जाता है। इस स्कीम की शुरुआत वर्ष 2008-09 में हुई थी। इस स्कीम का मकसद सैल्फ  इम्प्लॉयमैंट को बढ़ाना था। इस स्कीम के तहत 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति सॢवस सैक्टर में 5 लाख से 10 लाख रुपए तक और मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में 10 लाख से 25 लाख रुपए तक का प्रोजैक्ट लगाने के लिए सरकार से लोन ले सकता है। इस स्कीम के तहत 90 प्रतिशत तक लोन दिया जाता है जबकि रूरल एरिया में प्रोजैक्ट कॉस्ट का 25 और अर्बन एरिया में 15 प्रतिशत सरकार की ओर से सबसिडी दी जाती है।

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