Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 02:05 PM
अगर आप घर को संपन्नता का प्रतीक मानते हैं, तो अपनी सोच बदलें।
नई दिल्लीः अगर आप घर को संपन्नता का प्रतीक मानते हैं, तो अपनी सोच बदलें। हमारे देश में अमीरों की तुलना में ज्यादा संख्या में गरीब अपने मकानों में रहते हैं। जबकि संपन्न वर्ग का एक बड़ा हिस्सा किराए के मकान में रहता है।
पीपुल रिसर्च ऑन इंडियन कंज्यूमर इकोनॉमी के राष्ट्रीय सर्वे में यह दावा किया गया है। हालांकि भारत के उलट विकसित देशों में ज्यादा पैसे वाले लोग अपने घरों में रहते हैं, जबकि गरीब व निम्न मध्यम वर्ग वाले किराए के मकानों में रहते हैं।
देश के सबसे गरीब 20% लोगों में से 97% आबादी अपने घरों में रहती है। देश के सबसे अमीर 20% लोगों में से 81% लोग अपने घरों में रहते हैं। 57% लोग पुश्तैनी घरों में, 38% लोग खुद के बनाए हुए घरों में और 4% लोग तोहफे या दहेज के तौर पर मिले घरों में रहते हैं।
किराए की बात की जाए तो महानगरों में मासिक किराया औसतन 3,483 रुपए और सामान्य शहरों में किराया 1,866 रुपए है।