Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 11:30 AM
सरकार ने बचत को प्रोत्साहन देने के लिए तीन बड़े निजी बैंकों समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, आवर्ती जमा और मासिक आय योजना जैसी विभिन्न लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने की अनुमति दे दी है। ज्यादातर लघु बचत योजनाएं...
नई दिल्लीः सरकार ने बचत को प्रोत्साहन देने के लिए तीन बड़े निजी बैंकों समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, आवर्ती जमा और मासिक आय योजना जैसी विभिन्न लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने की अनुमति दे दी है। ज्यादातर लघु बचत योजनाएं अब तक डाकघरों में ही मिलतीं रहीं हैं।
इन बैंकों से उठा सकेंगे फायदा
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, बैंक अब नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट स्कीम 1981, राष्ट्रीय बचत (मासिक आय खाता) योजना 1987, राष्ट्रीय बचत आवर्ती जमा योजना 1981 और राष्ट्रीय बचत पत्र- 8 निर्गम आदि भी बेच सकते हैं। अधिसूचना में कहा गया कि तीन शीर्ष निजी बैंक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, एच.डी.एफ.सी. बैंक और एक्सिस बैंक समेत सभी सार्वजनिक बैंक इन विस्तृत पोर्टफोलियो के तहत अभिदान प्राप्त कर सकते हैं। अभी तक इन बैंकों को लोक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र- 2014, सुकन्या समृद्धि खाता और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 2004 के तहत ही जमा राशि लेने की अनुमति दी गई थी।
सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.3 फीसदी ब्याज
पिछले महीने सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को अपरिर्वितत रखा था। पिछले साल अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर तिमाही आधार पर बदला जाने लगा है। लोक भविष्य निधि योजना में निवेश पर फिलहाल सालाना 7.8 प्रतिशत की दर से ब्याज है जबकि किसान विकास पत्र में निवेश पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा हैं। यह पत्र 115 माह में परिपक्व होता है। बालिका के लिए बचत को बढ़ावा देने वाली सुकन्या समृद्धि खाता योजना पर 8.3 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जा रहा है।