Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 04:07 PM
जीएसटी परिषद संभवत प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने का फैसला ले सकती है
नई दिल्ली: जीएसटी परिषद संभवत प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने का फैसला ले सकती है। इस उपाय से तेल एवं गैस क्षेत्र को कुछ राहत मिलेगी। फिलहाल कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और प्राकृतिक गैस को इस नए अप्रत्यक्ष कर ढांचे में शामिल नहीं किया गया है। जीएसटी को एक जुलाई से लागू किया जा रहा है। इसका मतलब है कि तेल एवं गैस उद्योग द्वारा अपने काम के लिए खरीदी जाने वाली विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी लगेगा, जबकि तेल, गैस और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और आपूर्ति पर पूर्व के कर मसलन उत्पाद शुल्क और वैट लगना जारी रहेगा।
अन्य उद्योगों को जहां अपने कारोबार में इस्तेमाल किए जाने वाली वस्तु और सेवाओं पर चुकाए गए कर के बदले में कर में कटौती का फायदा मिलेगा पर प्राकृतिक गैस उद्योग को इस तरह का फायदा नहीं होगा। इससे इस उद्योग में फंसी हुई 25, 000 करोड़ रूपए की लगातों पर चुकाए गए कर का लाभ न मिलने से उन पर कर का भारी बोझ होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी को इस सोच के साथ लागू किया जा रहा है कि इसके बाद किसी उद्योग को नुकसान नहीं होगा, लेकिन एक एेसा उद्योग भी है जिसे एक जुलाई से राजस्व का नुकसान होगा। अधिकारी ने बताया कि पेट्रालियम मंत्रालय ने यह मामला वित्त मंत्रालय के साथ उठाया है। जिससे सभी पांच छूट वाले उत्पादों को जीएसटी को जल्द से जल्द शामिल किया जा सके।