Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 11:11 AM
राष्ट्रीय उपभोक्ता वाद निपटान आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) ने कहा है कि ग्राहकों को उनके बुक करवाए गए फ्लैटों का कब्जा पाने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं करवाया जा सकता। इसके साथ ही आयोग ने एक निजी बिल्डर कंपनी से कहा है कि अपने ग्राहकों को उनकी राशि...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय उपभोक्ता वाद निपटान आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) ने कहा है कि ग्राहकों को उनके बुक करवाए गए फ्लैटों का कब्जा पाने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं करवाया जा सकता। इसके साथ ही आयोग ने एक निजी बिल्डर कंपनी से कहा है कि अपने ग्राहकों को उनकी राशि लौटाए। यह मामला दिल्ली की एक फर्म अडेल लैंडमाक्र्स लिमिटेड से जुड़ा है। आयोग ने फर्म से कहा है कि वह अपने पांच ग्राहकों को 66 लाख रुपए से अधिक की राशि लौटाए जिन्हें 2012 में गुड़गांव की एक परियोजना में फ्लैट आवंटित किए गए थे।
न्यायाधीश वी के जैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है, ‘फर्म ने आयोग के समक्ष आकर यह नहीं बताया है कि कब्जे देने में देरी क्यों हुई और कि वह कब तक कब्जा देगी। हमारे विचार में क्रेताओं को उनकी जमा करवाई गई राशि उचित मुआवजे के साथ वापस मिलनी चाहिए।’ आयोग ने फर्म पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया है जो उसके पांच ग्राहकों -चिराग ग्रोवर, कमलप्रीत सिंह सेठी, रमेश कुमार, राज कुमार व धर्मेश जैन को दिए जाएंगे।
आयोग के अनुसार शुरुआती आवंटन के पांच साल बाद भी फर्म निर्माण पूरा नहीं कर पाई है और फ्लैटों के कब्जे नहीं दे पाई है। आयोग के अनुसार ग्राहकों को उनके फ्लैट के कब्जे के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं करवाया जा सकता और वे अपनी जमा करवाई गई अग्रिम राशि मुआवजे के साथ मांग सकते हैं।