सरकार को राहत, रोजगार और वेतन वृद्धि के लिहाज से बेहतर साबित होगा अगला साल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 11:21 AM

next year will prove to be better in terms of employment and wages

नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। 2018 में देश में नौकरियों की संख्या में काफी बढ़ौतरी हो सकती है। अर्थव्यवस्था से मिल रहे संकेतों और एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजगार की तंगी से जूझ रही सरकार को इस मोर्चे पर राहत मिल सकती है। इस साल...

नई दिल्लीः नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। 2018 में देश में नौकरियों की संख्या में काफी बढ़ौतरी हो सकती है। अर्थव्यवस्था से मिल रहे संकेतों और एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजगार की तंगी से जूझ रही सरकार को इस मोर्चे पर राहत मिल सकती है। इस साल कॉलेजों में चल रहे कैम्पस प्लेसमैंट्स स्थिति में सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं।

अभी चल रहे कैम्पस प्लेसमैंट्स में प्री-प्लेसमैंट ऑफर्स पिछले साल के मुकाबले 25.30 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। उदाहरण के तौर पर अमेजॉन में इस साल नौकरियों में 25 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। कम्पनी इस साल रिक्रूटमैंट के लिए 90 से ज्यादा कॉलेजों में जा रही है। आई.आई.टी. बॉम्बे में इंटरनैशनल जॉब ऑफर्स की संख्या पिछले साल 50 के मुकाबले बढ़कर 60 हो गई है। अमरीका और ब्रिटेन की कुछ कम्पनियां पहली बार रिक्रूटमैंट करने भारत आई हैं। इसके अलावा यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया आदि की कंपनियां डोमैस्टिक और इंटरनैशनल जॉब ऑफर्स दे रही हैं।

आई.टी. सैक्टर में हुई भारी छंटनी 
हालांकि सरकार ने 2017 में रोजगार से संबंधित कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं दिया है लेकिन माना जा रहा है कि यह साल नौकरियों के लिहाज से काफी खराब रहा है। सरकार के हर साल 1 करोड़ नौकरियां देने के दावे पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं।नौकरियों की अगर बात करें तो आई.टी. सैक्टर में इस साल भारी संख्या में छंटनी हुई है। बैंकिंग और फाइनैंशियल सर्विसेज प्रोवाइड करने वाले संस्थानों में भी नौकरियों की संख्या में कटौती की उम्मीद एक्सपर्ट्स जता रहे हैं। टैलीकॉम सैक्टर में 75,000 जॉब्स में कटौती हुई है। अभी 40,000 नौकरियों में और कटौती की आशंका जताई जा रही है।

अगले साल वेतन वृद्धि बेहतर रहने की उम्मीद
रोजगार क्षेत्र के लिए वर्ष 2017 चुनौतीपूर्ण  रहने के बाद अब 2018 में योग्य प्रतिभाओं को 10 से 15 प्रतिशत तक की वेतनवृद्धि मिल सकती है। नोटबंदी के बाद कपड़ा और दूसरे परंपरागत क्षेत्रों में छंटनी से रोजगार बाजार काफी चुनौतीपूर्ण बन गया था। रोजगार संबंधी सलाह सेवा देने वाली कंपनी मैनपावर ग्रुप के भारतीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में यह बात कही गई है। मौजूदा साल के दौरान नोटबंदी के कारण कपड़ा उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों तथा कृत्रिम इंटेलीजेंस के कारण अत्याधुनिक क्षेत्रों में चुनौतियां सामने आईं। इन कारणों से रोजगार उद्योग के लिए यह साल मुश्किलों भरा रहा। रिपोर्ट के अनुसार, देश में रोजगार प्रदाताओं द्वारा नियुक्तियों में भी 2018 में सुधार जारी रहेगा। इस साल की अंतिम तिमाही में पहली तीन तिमाही की मंदी के बाद रोजगार नियुक्तियों में सुधार आया है। कंपनी के सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में नियोक्त्ओं की रोजगार देने की योजना में 22 प्रतिशत गिरावट रही जो कि अप्रैल-जून में और 19 प्रतिशत घट गई। इसके बाद जुलाई- सितंबर तिमाही में रोजगार के अवसर 16 प्रतिशत घटे लेकिन अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में रोजगार देने की नियोक्ताओं की योजना में 24 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2018 में नियुक्तियों में सुधार जारी रहेगा। मोबाइल विनिर्माण, वित्तीय प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप्स सहित अन्य क्षेत्रों में नियुक्तियां बढ़ेंगी।  

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