Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 04:25 PM
सरकार ने आज कहा कि लगभग 9 लाख पंजीकृत कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कारपोरेट कार्य मंत्रालय में दाखिल नहीं करती हैं जो मनी लांड्रिंग का संभावित स्रोत हैं।
नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि लगभग 9 लाख पंजीकृत कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कारपोरेट कार्य मंत्रालय में दाखिल नहीं करती हैं जो मनी लांड्रिंग का संभावित स्रोत हैं। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने प्रवर्तन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने लगभग 3 लाख गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को नोटिस जारी कर उन्हें कहा है कि वे अपना पंजीकरण रद्द करवाएं। बाकी कंपनियों को भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 लाख कंपनियों में से केवल 6 लाख ही अपना रिटर्न, सालाना अंकेक्षित रपट सहित कारपोरेट कार्य मंत्रालय में दाखिल करवाती हैं।
अधिया ने कहा, ‘‘हमारे देश में लगभग 8-9 लाख कंपनियां कोई रिटर्न दाखिल नहीं करतीं जो कि संभावित जोखिम, मनी लांड्रिंग का संभावित स्रोत बन गई हैं। इसलिए कार्यबल ने इस दिशा में काम किया है।’’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में घरेलू मुखौटा कंपनियों पर एक बड़ी कार्रवाई के दौरान धन शोधन अथवा कर चोरी करने वाली एेसी कंपनियों के बैंक खाते जब्त करने समेत ‘कठोर दंडात्मक कार्रवाई’ करने का निर्णय किया था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में यहां रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली सभी 9 लाख कंपनियां शायद मुखौटा कंपनियां नहीं हो और हो सकता है कि कारोबार नहीं होने के कारण निष्क्रिय हों। आयकर विभाग के रिकार्ड के अनुसार भारत में पंजीकृत 15 लाख कंपनियों में से केवल 6 लाख ही रिटर्न फाइल करती हैं। इन 6 लाख में से भी लगभग 3 लाख ने शून्य आय दिखाई है।