Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 05:41 PM
सरकार का दावा है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान दवाईयों के दाम कम होने से ग्राहकों के 2288 करोड़ रुपए बचे हैं। सरकार का कहना है
नई दिल्लीः सरकार का दावा है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान दवाईयों के दाम कम होने से ग्राहकों के 2288 करोड़ रुपए बचे हैं। सरकार का कहना है कि नैशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मैडिसिन (NLEM) 2015 के अनाउंसमेंट के बाद से 464 दवाईयों के दाम कम किए गए हैं, जिसका सीधा फायदा कंज्यूमर्स को मिला है।
सरकार ने उस रिपोर्ट को भी गलत बताया है, जिसमें कहा गया था कि 100 दवाईयों को नैशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मैडिसिन की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है और जल्द ही उन 100 दवाईयों की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। सरकार का कहना है कि रिपोर्ट लोगों को भ्रमित करने वाली है।
असल में सरकार समय-समय पर कुछ दवाईयों को जरूरी दवाईयों की लिस्ट में शामिल करती है। वहीं, समय समय पर कुछ दवाईयों को लिस्ट से बाहर किया जाता है। इसे हैल्थ मिनिस्ट्री की कोर कमिटी रिवाइज्ड करती है। जो दवाइयां भारत में बैन कर दी गई हों या जिन दवाईयों की सेफ्टी को लेकर सरकार को निगेटिव रिपोर्ट मिली हो। जो दवाइयां रजिस्टेंट पैटर्न पर खरी न उतर रही हों, इन दवाईयों को लिस्ट से हटाया जा सकता है।