Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 10:43 AM
जिला उपभोक्ता फोरम ने मैडिटेक के तहत जमा बिल का भुगतान पीड़ित को नहीं करने को लेकर नैशनल इंश्योरैंस कंपनी लिमिटेड को मुआवजा देने का आदेश दिया।
नई दिल्लीः जिला उपभोक्ता फोरम ने मैडिटेक के तहत जमा बिल का भुगतान पीड़ित को नहीं करने को लेकर नैशनल इंश्योरैंस कंपनी लिमिटेड को मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या है मामला
शिकायतकत्र्ता निखिल चंद्र तिवारी ने कहा कि उसकी पत्नी का इलाज अपोलो अस्पताल में 6 मई, 2014 को हुआ था। उसका बिल करीब 20,000 रुपए आया था। इलाज की राशि के भुगतान के लिए जब बिल को मैडिटेक में जमा किया गया तो एक्टिव लाइन ऑफ ट्रीटमैंट नहीं होने का बहाना बनाकर दावे को खारिज कर दिया गया। जब शिकायतकत्र्ता ने मैडिटेक और नैशनल इंश्योरैंस कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी ने कहा कि आपके दावे पर विचार नहीं हो सकता है। दावा भुगतान नहीं होने पर शिकायतकत्र्ता ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फोरम के अध्यक्ष प्रभात कुमार उपाध्याय, सदस्य कुंजला नारायण और पी.सी. अग्रवाल ने इंश्योरैंस कंपनी को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ 15,000 रुपए, मानसिक प्रताडऩा के लिए 3000 और मुकद्दमा खर्च के रूप में 1000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया।