Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 04:02 AM
कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सी.डी.एस. सी.ओ.) ने फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए विभिन्न बंदरगाहों पर दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधन (कास्मैटिक) निर्यात के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र...
नई दिल्ली: कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सी.डी.एस. सी.ओ.) ने फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए विभिन्न बंदरगाहों पर दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधन (कास्मैटिक) निर्यात के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एन.ओ.सी.) के प्रावधान को समाप्त कर दिया है।
इससे पहले तक लाइसैंस वाले दवा और चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माताओं को इनका निर्यात सिर्फ अमरीका, कनाडा, जापान, आस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ को करने की अनुमति थी। बुधवार को जारी नोटिस में सी.डी.एस.सी.ओ. ने कहा कि यदि लाइसैंसधारक विनिर्माताओं द्वारा माल को बाहर भेजने के बिल के साथ ‘वैध लाइसैंस’ की प्रति भी दी जाएगी, तो एन.ओ.सी. की जरूरत नहीं होगी। नोटिस में कहा गया है कि यह कदम भारत में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और कॉस्मैटिक्स के निर्यात के संबंध में दवा नियामकीय व्यवहार को सुगम बनाने के लिए उठाया गया है।