गैर-बैंकिंग कंपनी के सांझेदारों की सजा बरकरार

Edited By ,Updated: 11 May, 2017 10:42 AM

non banking company contributions

शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के सांझेदारों को मिली 3 साल की कैद की सजा बरकरार रखी जिसने सैंकड़ों जमाकर्ताओं को चूना लगाया था

नई दिल्ली: शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के सांझेदारों को मिली 3 साल की कैद की सजा बरकरार रखी जिसने सैंकड़ों जमाकर्ताओं को चूना लगाया था। राष्ट्रीय कंज्यूमर शिकायत निवारण मंच ने कर्नाटक के चाणक्य फाइनैंस कार्पाेरेशन द्वारा राज्य फोरम और जिला कंज्यूमर मंच के फैसले के विरुद्ध दायर अर्जी खारिज कर दी। 

क्या है मामला
जमाकर्ताओं ने शिकायत की थी कि उन्होंने 8 सांझेदारों वाली कंपनी चाणक्य फाइनैंस कार्पाेरेशन में अपना पैसा जमा किया था लेकिन कंपनी अपने वायदे के मुताबिक ब्याज के साथ जमा राशि लौटाने में विफल रही। इसके बाद जमाकत्र्ताओं ने राज्य और जिला कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। कंपनी ने कंज्यूमर फोरम के आदेश का पालन नहीं किया तो जमाकर्ता फिर फोरम के पास पहुंचे। तब कंपनी के सभी सांझेदारों को 3 साल की कैद तथा अनुपालन नहीं करने के हर मामले में 10,000 रुपए का जुर्माना भरने को कहा गया।

क्या कहा फोरम ने
राष्ट्रीय कंज्यूमर फोरम ने बताया, ‘‘राज्य और जिला कंज्यूमर फोरम ने कंपनी और उसके सांझेदारों को जमाकर्ताओं को जमा राशि की परिपक्वता की तारीख से 12 प्रतिशत ब्याज दर के साथ राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था लेकिन कंपनी ने आदेशों का अनुपालन नहीं किया और इसके बाद मामला राष्ट्रीय कंज्यूमर शिकायत निवारण मंच (एन.सी.जी.आर.एफ.) पहुंचा जहां यह कहते हुए फैसला बरकरार रखा कि यह जिला फोरम के निर्देशों का जानबूझ कर उल्लंघन है।

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