Edited By ,Updated: 06 Jan, 2017 03:08 PM
नोटबंदी के बाद ब्याज दरों में कटौती के बावजूद उधारी कारोबार में ऐतिहासिक गिरावट आई है। 23 दिसंबर को बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है।
मुंबईः नोटबंदी के बाद ब्याज दरों में कटौती के बावजूद उधारी कारोबार में ऐतिहासिक गिरावट आई है। 23 दिसंबर को बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है। एस.बी.आई. के चीफ इकॉनमिस्ट सौम्य कांति घोष के मुताबिक क्रेडिट ग्रोथ का यह 60 साल का निचला स्तर है।
हालांकि ब्याज दरें कम होने से हाऊजिंग सेक्टर में छाई मंदी दूर हो सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) की एक रिपोर्ट में गुरुवार को यह बात कही गई। एस.बी.आई. की 'इकॉनरैप-ऋणवृद्धि पर सट्टेबाजी' रिपोर्ट में बताया गया, 'कम क्रेडिट ग्रोथ चिंता की बात है क्योंकि सभी शेड्यूल्ड कमर्शल बैंकों के डेटा इस तरफ इशारा करते हैं कि क्रेडिट ग्रोथ साल-दर-साल 23 दिसंबर को ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है।'
रिपोर्ट में कहा गया, '11 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच की अवधि के दौरान क्रेडिट ग्रोथ में 5229 करोड़ रुपए की गिरावट आई है, जबकि इस दौरान बैंकों की जमा राशि में करीब 4 लाख रुपए की वृद्धि हुई है।' इसमें कहा गया कि ब्याज दरों में एक बार में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो चुकी है। इससे स्पष्ट रूप से हाऊजिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जनवरी से लेकर 3 साल तक की अवधि वाले ऋणों की दर में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी।