नोटबंदी का इन सेक्टर पर पड़ा असर, चार दिन में बिका 25 टन सोना

Edited By ,Updated: 13 Nov, 2016 04:36 PM

note exchange  gold

8 नंवबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से अभी तक देश के बाजारों से बैंकों तक और बैंक से घरों तक हलचल मच गई है।

नई दिल्लीः 8 नंवबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से अभी तक देश के बाजारों से बैंकों तक और बैंक से घरों तक हलचल मच गई है। शहरों में खुले पैसों के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। बीचे 4 दिनों से अधिकांश लोगों के पास छोटे नोट और खुले पैसे नहीं हैं, जिसके कारण उनकी खरीददारी प्रभावित हो रही है। इस कारण से ट्रेडर्स की बिक्री करीब 70 फीसदी तक घटी है। रिटेल स्टोर्स पर फूड आइटम्स की बिक्री ही ज्यादा हो रही है। जबकि बड़े नोटों को जल्द से जल्द खर्च करने के कारण सोने की खरीद तेजी से बढ़ी है। 

बीते 4 दिनों में ही 25 टन सोना खरीदे जाने का अनुमान है। 500 और 1000 रुपए पर पांबदी के कारण खुल्ले पैसों की समस्या आ गई है। जब 1978 में 1000 का नोट बंद हुआ तब सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 685 रुपए थी जबकि अभी सोने की कीमत 30,850 रुपए। सोने की कीमत को पैमाना माने तो आज 1000 रुपए की कीमत करीब 22 रुपए और 500 रुपए की कीमत 11 रुपए हुई। लोगों के हाथों में नकदी कम होने और वेतनभोगियों को पहले हफ्ते में ही वेतन मिलने के कारण घरों में 500 और 1000 के नोट अधिक हैं जिससे फिलहाल किल्लत बढ़ रही है।    

पढ़िए बड़े नोट बैन होने के बाद बाजार पर क्या हुआ असर
ट्रेडर्स: 70% घटी छोटी दुकानों पर बिक्री
छोटे कारोबारियों का कारोबार तेजी से प्रभावित हुआ है। खास तौर से किराना और एफएमसीजी सेक्टर का। कंफेडेरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि खुल्ले पैसों की समस्या आ गई है। जो नोट मिल रहे हैं उनमें भी 2000 के बड़े नोट हैं। इस कारण लोग अपने घर और आसपास की दुकानों से सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। देशभर में छोटे कारोबारियों की करीब 70% बिक्री कम हो गई है। वहीं मॉल में भी कैश से पेमेंट करने में परेशानी है।

रियल एस्टेट: 20% कम बिक रहे हैं मकान
क्रेडाई के पूर्व प्रेसीडेंट सी. शेखर रेड्‌डी ने कहा कि सरकार के नियमों के मुताबिक 20 हजार रुपए से अधिक का नगद लेन-देन हो नहीं सकता है इसलिए बिक्री से अधिक घर निर्माण पर असर है, क्योंकि मजदूर आदि का पेमेंट कैश देना होता है। कुछ शहरों में मकानों की बिक्री 20 फीसदी तक गिरी है। भविष्य में चूंकि ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है इसलिए इस सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। हालांकि कई विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि रियल एस्टेट में 50 फीसदी से अधिक मांग कम हुई है।

मोबाइल और ऑनलाइन शॉपिंग: 90% घटी
पैसा नहीं होने के कारण लोग मोबाइल और ऑनलाइन शॉपिंग से भी बच रहे हैं। इस संबंध में मोबाइल कंपनी माइक्रोमैक्स इंफोर्मेटिक्स कंपनी के फाउंडर और मेनेजिंग डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले 4 दिन से लोग खरीददारी के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहे हैं। नगदी न होने से मोबाइल की बिक्री 90 फीसदी तक कम हो गई है। जहां तक ऑनलाइन बिक्री की बात है तो देश में होने वाली ऑनलाइन बिक्री में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी कैश ऑन डिलेवरी की है। ऐसे में ऑन लाइन बिक्री भी प्रभावित हुई है।

रिटेल स्टोर्स: खानपान की चीजें बिक रही हैं
रिटेल स्टोर्स की बिक्री भी पैसा न होने के कारण प्रभावित हो रही है हालांकि डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेंट हो रहे हैं। फ्यूचर ग्रुप के प्रमुख किशोर बियानी ने बताया कि हमारे बिग बाजार में शुरूआती दो दिन बिक्री तेजी से घटी, शुक्रवार को बिक्री 15% घटी थी, धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। अभी अन्य सेक्टर की तुलना में फूड आयटम्स की बिक्री सर्वाधिक हो रही है।

सोनाः बीते 4 दिन में बिका 25 टन सोना
बीते 4 दिनों में देशभर में सोने की बिक्री औसत दिनों की अपेक्षा 3 गुणा से डज्यादा हो रही है। कहीं कहीं तो 8 गुणा तक अधिक वृद्धि हुई है। देश के सबसे बड़े सोना कारोबारी राजेश एक्सपोर्टस के चेयरमैन राजेश मेहता ने बताया पिछले 4 दिनों में 20-25 टन सोना लोगों ने खरीदा है। अगर 31 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के हिसाब से देखें तो 4 दिनों में 7750 करोड़ रुपए का सोना हो गया है। बिस्किट और सिक्कों की डिमांड अचानक से बढ़ी है। ज्वैलरी में भी बढ़ौतरी हुई है।

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