नोटबंदी, जीएसटी की वजह से कम रह सकती है भारत की वृद्धि दर : विश्वबैंक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 01:12 AM

note india s growth rate may be low because of gst world bank

भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बनी चिंताओं के बीच विश्वबैंक ने उसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर कम...

वाशिंगटन: भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बनी चिंताओं के बीच विश्वबैंक ने उसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर कम रहने का अनुमान जताया है। नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को प्रमुख कारण बताते हुए उसने 2017 में भारत की वृद्धि दर 7प्रतिशत रहने की बात कही है जो 2015 में यह 8.6 प्रतिशत थी।

विश्वबैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि अंदरुनी व्यवधानों से निजी निवेश के कम होने की संभावना है जो देश की वृद्धि क्षमताओं को प्रभावित कर नीचे की ओर ले जाएगा।  मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी 2017 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया था। यह उसके पूर्व के दो अनुमानों से 0.5 प्रतिशत कम है। जबकि चीन के लिए उसने 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया है।

अपनी द्विवार्षिक दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रपट में विश्वबैंक ने कहा है कि नोटबंदी से पैदा हुए व्यवधान और जीएसटी को लेकर बनी अनिश्चिताओं के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि की गति प्रभावित हुई है।  परिणामस्वरुप भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2017 में 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2015 में 8.6 प्रतिशत थी। सार्वजनिक व्यय और निजी निवेश के बीच संतुलन स्थापित करने वाली स्पष्ट नीतियों से 2018 तक यह वृद्धि दर बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो सकती है।  

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