Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 01:51 PM
नोटबंदी का असर हर सैक्टर पर पड़ता दिख रहा है।
मुंबई: सरकार के नोटबंदी के फैसले का असर चौतरफा देखने को मिल रहा है। बाजार के हर क्षेत्र पर इसका प्रभाव है। नोटबंदी का असर रियल एस्टेट सैक्टर पर भी पड़ता दिख रहा है। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद थी कि इससे घरों की कीमतें सस्ती होंगी, लेकिन हकीकत में मुंबई के प्रॉपर्टी बाज़ार में बहुत सुधार नहीं हुआ है। नवी मुंबई, ठाणे, मीरा रोड समेत कई जगहों पर बिल्डरों की संस्था ने घरों का मेला लगाया, लेकिन नोटबंदी की मार से बाज़ार बेज़ार दिखे और ज्यादा ख़रीदार नहीं जुटे।
अभी लोगों की राय है अलग-अलग
मुंबई से सटे नवी मुंबई में हाल ही में क्रेडाई-बी.ए.एन.एम. ने प्रॉपर्टी एक्जीबिशन लगाया था, जिसमें घर देखने आए प्रकाश को लगा कि कीमत अभी भी ऊंची है। वहीं सपना भावनानी ने कहा कि रेट जब कम होंगे, तभी वो घर खरीदने के बारे में सोच सकते हैं। वैसे प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़े लोगों की राय अलग-अलग है।
नोटबंदी की वजह से गरीबों के खाने को रोटी भी नहीं
इस चकाचौंध के बीच एक तस्वीर उनकी हैं, जो आपके महल बनाते हैं, लेकिन उनके पास नोटबंदी की वजह से खाने को रोटी नहीं हैं। 25 साल के रामनरेश 10 साल से मुंबई में दिहाड़ी मजदूर हैं, पिछले एक महीने से कमाई आधी से भी कम हो गई है। उनका कहना है, 'जीने के लिए कम से कम 6000 रुपए हर महीना चाहिए, लेकिन पिछले महीने 2000-2500 ही कमा पाए। इतनी कम रकम से क्या खाएंगे।' दिक्कत इन मज़दूरों को दिहाड़ी दिलाने वालों की भी है। पेशे से ठेकेदार कमलापति मिश्रा ने कहा, 'नोटबंदी की शुरुआत में हम लाइन में लगकर पैसे जमा किए, लेकिन बाद में मैटेरियल खरीदने के लिए भी नकदी नहीं मिली। हम अपने मजदूरों को भी पैसा नहीं दे पा रहे हैं।'
रजिस्ट्रार दफ्तरों में भी कमाई हुई आधी
घर के मेलों की चकाचौंध में बाज़ार पर नोटबंदी का असर दिखे ना दिखे, रजिस्ट्रार के दफ्तर में ज़रूर दिख जाते हैं। राज्य भर के 503 सब रजिस्ट्रार दफ्तरों में हर दिन औसतन 7,721 दस्तावेज़ रजिस्टर होते थे, जो अब 4,583 पर आ गया है। यही नहीं इस वित्त-वर्ष के लिए स्टॉम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन से महाराष्ट्र सरकार को 23,548 करोड़ के कमाई की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल सिर्फ 11,106 करोड़ जमा हुए हैं। रोज़ाना लगभग 58 करोड़ की कमाई करने वाला महकमा अब लगभग 48 करोड़ रुपए कमा रहा है, जिससे इस साल तिजोरी पूरी भरेगी इसमें शक है।