Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 02:36 PM
पिछले सप्ताह मोदी सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपए के नोट प्रचलन से बाहर किए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों को नोट बदलने का अधिकार नहीं दिया है।
नई दिल्लीः पिछले सप्ताह मोदी सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपए के नोट प्रचलन से बाहर किए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंकों को नोट बदलने का अधिकार नहीं दिया है। देश के सहकारी बैंकों के करीब 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी 25 नवंबर को हड़ताल पर जाएंगे। इन बैंकों के कर्मचारी संगठन के नेताओं के मुताबिक कर्मचारी हड़ताल व विरोध प्रदर्शन सहित विभिन्न विकल्प भी अपना सकते हैं।
आल इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक इम्प्लॉइज फेडरेशन के महासचिव पी.बालाकृष्णन ने कहा कि देश के सभी सहकारी बैंकों में कुल जमा करीब 10 लाख करोड़ रुपए है। फेडरेशन की आयोजित बैठक में देश भर के बैंक परिसरों में विरोध प्रदर्शन का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि सभी सहकारी बैंकों में सिर्फ शहरी सहकारी बैंकों व राज्य सहकारी बैंकों को ही 500 और 1,000 रुपए के नोट बदलने का अधिकार दिया गया है, वहीं औद्योगिक और प्राथमिक कृषि सहकारी बैंकों सहित अन्य सहकारी बैंकों को नजर अंदाज किया गया है। बालाकृष्णन ने कहा,'यह आर.बी.आई. द्वारा सभी सहकारी बैंकों की हत्या है। रिजर्व बैंक की इस कार्रवाई के खिलाफ सहकारी बैंक के कर्मचारी बैंकों में विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध के अन्य तरीके भी अपनाए जाएंगे।'