Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 10:15 AM
वह दिन दूर नहीं जब भारतीयों को गिरवी की बजाय जी.एस.टी. बेस्ड डाटा के आधार पर लोन मिलेगा। टैक अरबपति नंदन नीलेकणी ने कहा कि भारत एक ऐसे दौर की तरफ बढ़ रहा है जहां लैंडर्स गिरवी की बजाय जी.एस.टी. आधारित ‘बिजनैस फ्लो’ या
नई दिल्ली : वह दिन दूर नहीं जब भारतीयों को गिरवी की बजाय जी.एस.टी. बेस्ड डाटा के आधार पर लोन मिलेगा। टैक अरबपति नंदन नीलेकणी ने कहा कि भारत एक ऐसे दौर की तरफ बढ़ रहा है जहां लैंडर्स गिरवी की बजाय जी.एस.टी. आधारित ‘बिजनैस फ्लो’ या क्रैडिट पेमैंट हिस्ट्री जैसे डाटा के इस्तेमाल से कारोबारियों और कंज्यूमर्स को लोन उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) सिस्टम में पहली बार उपलब्ध डाटा, लोन दिए जाने का आधार हो सकता है। नीलेकणी ऑल इंडिया मैनेजमैंट एसोसिएशन के फाऊंडेशन डे के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप जी.एस.टी. में अपना रिटर्न फाइल करते हैं तो आप ऐसा इनवॉयस लैवल पर फाइल करते हैं। तब आप जी.एस.टी. से अपना डाटा मांग सकते हैं, जिसे आप अपने लैंडर को दे सकते हैं। इससे सभी 1 करोड़ बिजनैसेस को डिजीटल पहुंच मिलेगी, जिसे वे अपने बैंक या एन.बी.एफ.सी. से लोन लेने में इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
जी.एस.टी. के सरलीकरण पर हो रहा है काम
जी.एस.टी. रिटर्न के सरलीकरण के लिए बनी कमेटी के सदस्य नीलेकणी ने कहा कि सरकार जी.एस.टी. प्रोसैस के सरलीकरण पर काम कर रही है, जिससे टैक्स फाइङ्क्षलग को अलग एक्टिविटी बनाया जा सके। यह भविष्य में बिजनैस एक्टिविटी का बाई-प्रोडक्ट बन सकता है।
छोटे कारोबारियों के लिए लोन होगा आसान
उन्होंने कहा, ‘‘क्रैडिट के लिए अचानक डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एसेट्स का डाटा नहीं है। यह कोलेटरल यानी गिरवी आधारित लैंङ्क्षडग नहीं है। यह फ्लो बेस्ड लैंङ्क्षडग है। आम तौर पर ऐसे छोटे कारोबारी लोन के लिए अभी भी अपने कैपिटल फ्लो का इस्तेमाल करते हैं, जिनके पास अपनी कोई एसेट नहीं होती है। यह खासा अहम है, क्योंकि डाटा के आधार पर छोटे कारोबारी कर्ज हासिल कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब लाखों छोटे कारोबारियों को आसानी से कर्ज मिलने लगेगा, तो इकोनॉमी खुद ही रिवाइव होगी।