Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jul, 2017 12:25 PM
अनधिकृत इलेक्ट्राॅनिक बैंक लेन-देन में धोखाधड़ी करना अब आसान नहीं होगा। रिजर्व बैंक की आेर इस पर सख्त कदम उठाते
नई दिल्ली: अनधिकृत इलेक्ट्राॅनिक बैंक लेन-देन में धोखाधड़ी करना अब आसान नहीं होगा। रिजर्व बैंक की आेर इस पर सख्त कदम उठाते नए नियम तैयार किए गए है। इस बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इलेक्ट्राॅनिक लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले में अगर तीन दिन के भीतर जानकारी दे दी जाती है, तो ग्राहकों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और रकम संबंधित ग्राहकों के खाते में 10 दिन के भीतर आ जाएगी।
क्या है नई हिदायत
रिजर्व बैंक ने हिदायत दी है इलेक्ट्राॅनिक बैंक लेन-देन में धोखाधड़ी के मामले में अगर रिपोर्ट चार से सात दिन की देरी से की जाती है, तो ग्राहकों को 25,000 रुपए तक का भुगतान भी करना पड़ेगा,अगर धोखाधड़ी के बारे में रिपोर्ट सात दिन बाद की जाती है, ग्राहक की देनदारी बैंक के निदेशक मंडल द्वारा मंजूरी नीति के तहत की जाएगी। ऐसे मामलों में बचत बैंक खाता धारक की अधिकतम देनदारी 10,000 रुपए होगी।
रिपोर्ट करने के बाद बैंक करेंगे भरपाई
केंद्रीय बैंक ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रानिक बैंक लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी (कस्टमर प्रोटेक्शन लिमिटिंग लाइबिलिटी आफ कस्टमर्स इन अनाथोराइज्ड इलेक्ट्रानिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन) पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि अनधिकृत लेन-देन के बारे में रिपोर्ट करने के बाद अगर कोई नुकसान होता है, उसकी भरपाई बैंक करेंगे।