Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 11:21 AM
टमाटर के दामों ने जहां लोगों की नाक में दम रखा है वहीं प्याज की कीमतें भी अब इसी राह पर चल पड़ी है
मुम्बई: टमाटर के दामों ने जहां लोगों की नाक में दम रखा है वहीं प्याज की कीमतें भी अब इसी राह पर चल पड़ी है। त्यौहारी मांग की वजह से घरेलू और वैश्विक बाजारों में स्टॉकिस्टों से मांग बढऩे और पूरे देश की प्रमुख मंडियों में कम आवक की वजह से प्याज की कीमतें 8 माह में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संघ (एन. एच. आर.डी.एफ.) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की कीमत मंगलवार को 8.70 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी जो 31 मई की 4.50 रुपए प्रति किलो के निचले स्तर से लगभग दोगुनी है।
प्याज कीमतों में इतनी तेजी 30 नवम्बर, 2016 के बाद से नहीं देखी गई थी। सामान्य रूप से कृषिगत जिन्सों की कीमतें हर साल इसी समय में बढ़ती हैं क्योंकि इस समय में बारिश से आपूॢत बाधित होती है और साथ ही दशहरा व दीवाली को ध्यान में रखकर स्टॉकिस्टों से मांग में तेजी देखी जाती है। बारिश के कारण आर्पिूत बाधितमांग के बढ़ते दबाव और आयात ऑर्डरों में तेजी के बीच प्याज की आर्पिूत कई प्रमुख उत्पादक इलाकों में बारिश की वजह से भी प्रभावित हुई है और मंडियों में कम प्याज पहुंच रहा है। जून के शुरू में 2917 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लासलगांव मंडी में प्याज की आवक 24 जुलाई को घटकर 1200 टन पर रह गई, हालांकि 25 जुलाई को यह बढ़कर 1400 टन पर पहुंच गई।