Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 05:24 PM
सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपए की नई पूंजी मिलने से बैंकों को जोखिम कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन डूबे कर्ज (एन.पी.ए.)के निपटान और ऋण की ऊंची लागत से निकट भविष्य में
नई दिल्ली : सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपए की नई पूंजी मिलने से बैंकों को जोखिम कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन डूबे कर्ज (एन.पी.ए.)के निपटान और ऋण की ऊंची लागत से निकट भविष्य में क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित होगा। फिच रेटिंग्स ने आज यह विचार व्यक्त किया।
फिच ने कहा कि हालांकि, पूंजी डालने की योजना क्षेत्र के लिए जरूरी 65 अरब डॉलर के अनुमान से आधी से भी कम है, लेकिन कल की घोषणा से बैंकों को अपने गैर-निष्पादित ऋण (एनपी.एल.) स्टॉक का निपटान तेजी से करने को प्रोत्साहन मिलेगा। ऐसे में बैंकों की डूबे कर्ज पर बड़े नुक्सान को झेलने की क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा अतिरिक्त पूंजी प्रतिरोधक या बफर से बैंक की इक्विटी पूंजी जोडऩे की क्षमता भी बढ़ेगी।