देश में पैन कार्ड बनवाने वालों की संख्या में तेजी :CBDT

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 11:00 AM

number of pan card makers in the country increased 3 times increase

नोटबंदी के बाद देश में पैन कार्ड बनवाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मगंलवार को बताया कि नोटबंदी के बाद स्थायी खाता संख्या (पैनकार्ड) के आवेदनों में 3 गुना तक का इजाफा आया है। CBDT के...

नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद देश में पैन कार्ड बनवाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मगंलवार को बताया कि नोटबंदी के बाद स्थायी खाता संख्या (पैनकार्ड) के आवेदनों में 3 गुना तक का इजाफा आया है। CBDT के चेयरमैन सुशील चंद्र ने कहा कि नोटबंदी से पहले हर महीने करीब 2.5 लाख पैनकार्ड आवेदन आते थे। लेकिन सरकार के नोटबंदी के आदेश के बाद यह संख्या बढ़कर 7.5 लाख हो गई।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये पुराने नोटों को बंद कर दिया था। चंद्र ने कहा कि कालेधन के खिलाफ विभाग कई कदम उठा रहा है। इनमें दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाना भी शामिल है। पैन 10 अंक की एक अक्षर-अंक संख्या (अल्फान्यूमैरिक) होती है जो आयकर विभाग किसी व्यक्ति या कंपनी को जारी करता है। इसका उपयोग आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अनिवार्य है। अभी देश में करीब 33 करोड़ पैनकार्ड धारक हैं।

नोटबंदी के बाद कालधन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, एक कदम आधार नंबर को पैन नंबर से जोड़ने का भी है, साथ में बैंक खातों के साथ आधार नंबर को जोड़ना भी अनिवार्य कर दिया गया है। 31 दिसंबर तक अगर आपने भी अपने बैंक खाते के साथ अपने आधार नंबर को नहीं जोड़ा तो आपका खाता बंद हो सकता है।

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