तेल कीमतों और HRA की चूक से महंगाई बढऩे का खतरा: RBI

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 04:58 AM

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बुधवार को आर.बी.आई. की मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की बैठक के विवरण में कहा गया कि तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते (एच.आर.ए.) और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढऩे का खतरा बना हुआ है। इस महीने आर.बी.आई. ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा...

नई दिल्ली: बुधवार को आर.बी.आई. की मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की बैठक के विवरण में कहा गया कि तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते (एच.आर.ए.) और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढऩे का खतरा बना हुआ है। 

इस महीने आर.बी.आई. ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को यथावत रखा। रेपो रेट केन्द्रीय बैंक की प्रमुख नीतिगत दर होती है जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि का ऋण मुहैया करवाता है। आर.बी.आई. ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ौतरी व विविध घरेलू कारकों के चलते रेपो रेट को 6 प्रतिशत पर स्थिर रखा। 

आर.बी.आई. की ओर से जारी बैठक के विवरण के मुताबिक आर.बी.आई. गवर्नर उर्जित पटेल का मानना था कि आॢथक सुधार भी आरंभिक चरण में है, इसलिए इस स्तर पर सावधानी के नजरिए की जरूरत है। मैं रेपो रेट यथावत रखने के पक्ष में हूं। केन्द्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.1 और आगामी वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में 5.1 से 5.6 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जारी किया है।

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