Edited By ,Updated: 01 Apr, 2017 10:46 AM
नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए भारतीयों के लिए 500 और 1,000 के पुराने नोटों को बदलने की सुविधा 31 मार्च को समाप्त हो गई।
नई दिल्लीः नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए भारतीयों के लिए 500 और 1,000 के पुराने नोटों को बदलने की सुविधा 31 मार्च को समाप्त हो गई। नोट बदलने के लिए सीमित काऊंटरों तथा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग रद्द नोटों को नई मुद्रा से बदलवा पाने में विफल रहे हैं।
हालांकि, प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के पास अभी पुराने नोटों को बदलने के लिए 30 जून तक का समय है। प्रत्येक एनआरआई सिर्फ 25,000 रुपए तक ही पुराने नोट बदलवा सकता है।
रिजर्व बैंक के 5 कार्यालयों मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और नागपुर के बाहर आज यानी 31 मार्च को अंतिम दिन लंबी लंबी कतारें लगी रहीं। पुराने नोटों को बदलने के लिए अधिकृत शाखाओं की संख्या कम होने की वजह से लोग काफी दूर-दूर से रद्द नोटों को बदलवाने आए थे। कई लोगों को 6 से 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। वहीं कुछ मामलों में दस्तावेज पूरे नहीं होने की वजह से उनको पूरा-पूरा दिन लग गया।
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसी सप्ताह राज्यसभा को बताया कि कई एेसे लोग भी लाइनों में खड़े हुये जो वास्तव में नोट बदलवाने के पात्र ही नहीं थे। बड़ी संख्या में एेसे लोगों के आने से लाइनें लंबी रही। मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने पात्रता मानदंडों के बारे में अपनी वैबसाइट पर पूरा ब्योरा डाला है। भारत आने वाले प्रवासी भारतीयों को हवाईअड्डे पर रेड चैनल के जरिए आने की जरूरत है ताकि उनके पास उपलब्ध बंद नोों का ब्योरा दिया जा सके। इसके बाद उन्हें एक प्रमाणपत्र वहां से प्राप्त करना होगा जो उन्हें रिजर्व बैंक को नोट बदलने के दौरान दिखाना होगा।
प्रवासी भारतीयों को 30 जून तक पुराने नोट बदलने की सुविधा मिलेगी। नोट बदलने की यह सुविधा विदेशी विनिमय प्रबंधन (मुद्रा का निर्यात और आयात) नियमन, 2015 के तहत मिलेगी। इन नियमनों के तहत प्रति व्यक्ति अपने साथ सिर्फ 25,000 रुपए तक ही पुरानी बंद करेंसी ला सकता है।