Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 07:59 AM
सरकार ने अंतत: पिछले वर्ष नवम्बर में नोटबंदी के बाद बैंकों/आरबीआई में जमा पुराने नोटों की संख्या घोषित करने का फैसला कर लिया है।
नई दिल्लीः सरकार ने अंतत: पिछले वर्ष नवम्बर में नोटबंदी के बाद बैंकों/आरबीआई में जमा पुराने नोटों की संख्या घोषित करने का फैसला कर लिया है। दुनिया को यह बताने में कठिनाई महसूस करते हुए कि पुराने नोटों की गणना कई महीनों से चल रही है, अब सरकार ने अंतिम आंकड़ों को सार्वजनिक करने का मन बना लिया है। जब नोटबंदी की गई तो सरकार ने दावा किया था कि इससे 3 लाख करोड़ रुपए का बड़ा लाभ होगा लेकिन शीघ्र ही यह ‘ऊंची उड़ान’ से नीचे आ गई और कहा कि यह लाभ 2 लाख करोड़ रुपए का होगा। वित्त मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि कोई 2 लाख करोड़ रुपए का लाभ नहीं हुआ।
8 नवम्बर, 2016 को जब नोटबंदी की गई थी तो मार्कीट में 16 लाख करोड़ रुपए के नोट प्रचलन में थे। केवल 50 हजार करोड़ रुपए के नोट ही बैंकों में वापस नहीं आए। क्या यह ही लाभ हो सकता है। यह घोषणा इसलिए रोकी गई है क्योंकि उच्चतम न्यायालय में अंतिम आदेश अभी लम्बित है। उच्चतम न्यायालय में एक केस दायर किया गया जहां याचियों ने कहा है कि उनके रुपए घोषित नीति के बावजूद आर.बी.आई. और सरकार वापस लेने से इंकार कर रहे हैं।