Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2017 05:38 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (आे.एन.जी.सी.) देश की तीसरी सबसे बड़ी ईंधन खुदरा कंपनी हिंदुस्तान पैट्रोलियम (एच.पी.सी.एल.)
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (आे.एन.जी.सी.) देश की तीसरी सबसे बड़ी ईंधन खुदरा कंपनी हिंदुस्तान पैट्रोलियम (एच.पी.सी.एल.) को 42,254 करोड़ रुपए में खरीदने की इच्छुक है क्योंकि उसे भारत पैट्रोलियम (बी.पी.सी.एल.) को खरीदना काफी महंगा लगा है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेतली ने एकीकृत तेल कंपनी बनाने की घोषणा बजट में की थी। उसके बाद आे.एन.जी.सी. ने एच.पी.सी.एल. या बी.पी.सी.एल. में से किसी एक कंपनी को खरीदने के विकल्प पर विचार किया। ये दोनों कंपनियां देश में पैट्रोल व डीजल का खुदरा कारोबार करती हैं।
जानकार सूत्रों ने कहा कि आे.एन.जी.सी. के लिए उक्त दोनों में से किसी एक कंपनी को खरीदना कारोबारी लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन आे.एन.जी.सी. के अनुसार बी.पी.सी.एल. को खरीदना काफी महंगा सौदा है। बी.पी.सी.एल. देश की दूसरी सबसे बड़ी ईंधन खुदरा कंपनी है। बी.पी.सी.एल. का बाजार पूंजीकरण 1,01,738 करोड़ रुपए का है और इसमें सरकार की 54.93 प्रतिशत हिस्सेदार खरीदने का मतलब है 55,885 करोड़ रुपए का खर्च।
सूत्रों के अनुसार इसी को ध्यान में रखते हुए आे.एन.जी.सी. ने एच.पी.सी.एल. को खरीदने का पक्ष लिया है। एच.पी.सी.एल. का बाजार पूंजीकरण 54,797 करोड़ रुपए है और इसमें सरकार की सारी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर 28006 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। खुली पेशकश के लिए 14,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी। सूत्रों ने कहा कि शुरू में सरकार किसी एक तेल उत्पादक कंपनी को रिफाइनर कंपनी के साथ विलय कर एकीकृत तेल कंपनी बनाना चाहती थी लेकिन एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय के हश्र को देखते हुए इस विचार टाल दिया गया।