Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 05:25 PM
रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज की बिक्री के लिए अमरीका के तर्ज पर ऑनलाइन ट्रेर प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए कहा है। आरबीआई का मानना है कि इससे फंसी परिसंपत्तियों (कर्जो) की बिक्री में पारर्दिशता और बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। आर.बी.आई. के डिप्टी...
मुंबईः रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज की बिक्री के लिए अमरीका के तर्ज पर ऑनलाइन ट्रेर प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए कहा है। आर.बी.आई. का मानना है कि इससे फंसी परिसंपत्तियों (कर्जो) की बिक्री में पारर्दिशता और बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। आर.बी.आई. के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि इस तरह का ऑनलाइल मंच फंसी परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए एक संपन्न बाजार बनाने में मदद कर सकता है।
गौरतलब है कि वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) का ऊंचा स्तर घरेलू बैंकिग व्यवस्था के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखा है। उन्होंने इस तरह का तंत्र विकसित करने के लिए सभी हितधारकों को साथ आने को कहा है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में आचार्य ने कहा, भारतीय बैंक एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां (एरकॉन) और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां को अमरीका के लोन सिंडिकेशन एंड ट्रेडिंग एसोसिएशन (एलएसटीए) की तर्ज पर तंत्र स्थापित करने के लिए साथ आना चाहिए। डिप्टी गवर्नर ने कहा, अमरिका और दक्षिण कोरिया ने बैंकिंग संकट के दौरान इस तरह का मंच बनाया था और जो बाद में एक उद्योग मानक बन गया। आचार्य ने कहा कि अगर इस तरह का मंच का बनाया जाता है तो जोखिम हस्तांतरण के लिए कर्ज की बिक्री हो सकती है।