Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 05:25 PM
जर्मनी की वाहन कंपनी फाक्सवैगन वापस मंगाए गए कुल 3.4 लाख डीजल वाहनों में से केवल 30 प्रतिशत ही दुरूस्त कर पाई है।
नई दिल्ली : जर्मनी की वाहन कंपनी फाक्सवैगन वापस मंगाए गए कुल 3.4 लाख डीजल वाहनों में से केवल 30 प्रतिशत ही दुरूस्त कर पाई है। भारत में इन वाहनों में कंपनी ने उत्सर्जन परीक्षण के दौरान धोखाधड़ी के इरादे से उपकरण लगाए थे। फाक्सवैगन ग्रुप इंडिया ने कहा कि प्रक्रिया में देरी हुई है क्योंकि इसमें अलग-अलग ब्रांड, इंजन तथा मॉडल शामिल हैं। कंपनी के मुख्य कार्यालय ने अबतक वापस मंगाये गये करीब 70 प्रतिशत वाहनों के इंजन को उन्नत बनाने की मंजूरी दी है।
फाक्सवैगन ग्रुप इंडिया ने कहा कि कुल मिलाकर पिछले महीने के अंत तक एेसे वाहनों में से 30 प्रतिशत के इंजन को ही दुरूस्त किया जा सका है। समूह ने दिसंबर 2015 में 2008 से नवंबर 2015 तक देश में बेचे गये विभिन्न ब्रांड के 3.4 लाख वाहनों को वापस मंगाने की घोषणा की थी इसमें ऑडी, फाक्सवैगन और स्कोडा शामिल हैं। सरकार की जांच में यह पाया गया था कि वाहन कंपनी की ईए 189 डीजल इंजन में एेसे उपकरण लगे हैं जिससे उत्सर्जन परीक्षण में धोखाधड़ी में कंपनी को मदद मिलती है। कंपनी ने पिछले साल वापस मंगाये गये वाहनों के इंजन को दुरूस्त करने की घोषणा की थी।