पी-नोट्स निवेश 2 साल के निचले स्तर पर, सख्ती का असर

Edited By ,Updated: 25 Jul, 2016 06:48 PM

p notes investment hit 2 yr low of rs 2 10 lakh cr in june end

भारतीय पूंजी बाजार में भागीदारी नोट (पी नोट) के जरिए निवेश जून के अंत तक 2.10 लाख करोड़ रुपए रहा जो करीब 2 साल का न्यूनतम स्तर है।

नई दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार में भागीदारी नोट (पी नोट) के जरिए निवेश जून के अंत तक 2.10 लाख करोड़ रुपए रहा जो करीब 2 साल का न्यूनतम स्तर है। एेसा इस मार्ग से आने वाले कोषों पर सख्त निगरानी के मद्देनजर हुआ। सेबी के निदेशक मंडल ने मई में विवादास्पद पी-नोट के दुरपयोग पर नियंत्रण के लिए मानदंड सख्त किया जिसके तहत इसका उपयोग करने वाले विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय मनी लांड्रिंग रोधी कानून का अनुपालन और किसी तरह के संदिग्ध हस्तांतरण की फौरन सूचना देना अनिवार्य बना दिया गया। 

 

पी-नोट मुख्य तौर पर एेसा जरिया है जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेश उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो समय बचाने के लिए भारतीय बाजार में बिना सीधे भारत में पंजीकरण कराए निवेश करना चाहते हैं लेकिन उन्हें परिसंपत्तियों और देनदारी की जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। सेबी के आंकड़े के मुताबिक, भारतीय बाजारों में पी-नोट निवेश का कुल मूल्य (इक्विटी, ऋण और डेरिवेटिव) जून के अंत में घटकर 2,10,731 करोड़ रुपए रह गया जो मई के अंत तक 2,15,338 करोड़ रुपए था।

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