Edited By ,Updated: 09 Nov, 2016 03:44 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर होने के चलते जहां देर रात ही पैट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी लाइनें देखने को मिली वहीं बुधवार से ही गैस स्टेशनों में असमंजस की स्थिति रही।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर होने के चलते जहां देर रात ही पैट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी लाइनें देखने को मिली वहीं बुधवार से ही गैस स्टेशनों में असमंजस की स्थिति रही। कुछ खुदरा विक्रेताओं ने बड़े नोट स्वीकार करने से इनकार कर दिया जबकि बैंकों के एटीएम बंद रहे।
मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट लेन-देन से बाहर हो गए। इन नोटों को अब बैंक वापस लेंगे। सरकार अब 500 और 2000 के नए नोट जारी करने जा रही है।
कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने सरकार द्वारा पुराने नोटों को वापस लेने के फैसले को प्रभावी साबित होने वाला निर्णय बताया जबकि अन्य की राय में यह निर्णय बड़े पैमाने पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाले देश में इस फैसले के कारगर साबित होने में संदेह है। वहीं पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यदि कोई गैस-पेट्रोल स्टेशन नियम का उल्लंघन कर रहा है तो इसकी शिकायत वे उनसे ट्विटर (@dpradhanbjp) पर कर सकते हैं। सरकारी कंपनियों की ओर से संचालित होने वाले पैट्रोल स्टेशनों को बड़े नोटों को स्वीकार नहीं करने के लिए दंडित किया जाएगा