Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Mar, 2018 04:10 AM
शहर के एक बिल्डर को धोखाधड़ी कर प्लाट बेचना महंगा पड़ गया। प्लाट खरीदार ने परेशान होकर उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया, जिस पर उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई करते हुए बिल्डर को प्लाट के लिए ली गई धनराशि सहित जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने जुर्माना...
बरेली: शहर के एक बिल्डर को धोखाधड़ी कर प्लाट बेचना महंगा पड़ गया। प्लाट खरीदार ने परेशान होकर उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया, जिस पर उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई करते हुए बिल्डर को प्लाट के लिए ली गई धनराशि सहित जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने जुर्माना राशि का एक माह के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
सिद्धार्थ नगर निवासी अमित कुमार सक्सेना ने बताया कि उसने शहर के एक बिल्डर से 109.43 गज का प्लाट 24 जुलाई, 2014 को 13,67,875 रुपए में खरीदा था। इसके लिए बिल्डर को उसने तुरंत 50,000 रुपए का चैक भी दिया। बिल्डर ने प्लाट बेचते समय बताया कि वह 6 से 8 माह के अंदर ही साइट को डिवैल्प कर कालोनी बी.डी.ए. से अप्रूव कराने के साथ वहां ड्रेनेज और 30 फुट का रोड बनवा देगा।
बिल्डर की बातों को सच समझकर उसने 2,90,000 और 3,41,000 रुपए भी प्लाट पर फाइनांस कराने के बाद दे दिए। बिल्डर ने उससे रुपए लेने के बाद न तो बिक्री पत्र दिया और न साइट पर रोड, ड्रेनेज की व्यवस्था कराई और न ही बी.डी.ए. से कालोनी को अप्रूव्ड कराया। उसने बिल्डर से साइट पर काम कराने और बिक्री पत्र देने के लिए कहा लेकिन न तो बिल्डर ने साइट पर काम कराया और न ही बिक्री पत्र दिया। परेशान होकर उसने वर्ष 2017 में उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया।
यह कहा फोरम ने
फोरम ने बिल्डर को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया लेकिन बिल्डर नहीं पहुंचा, जिस पर फोरम ने एक पक्षीय सुनवाई करते हुए बिल्डर पर प्लाट की राशि 6,81,000 रुपए, 25,000 रुपए मानसिक क्षति और 10,000 रुपए वाद व्यय का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। फोरम ने कहा कि उक्त राशि एक माह के अंदर भुगतान नहीं करने पर बिल्डर को 7 प्रतिशत साधारण ब्याज भी जमा करना होगा।