पीएम जनधन खाते भी बने बैंक के एनपीए, 1 करोड़ डेड अकाऊंट बंद

Edited By ,Updated: 29 Mar, 2017 07:23 PM

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केन्द्र सरकार ने संसद को बताया कि भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) द्वारा जन धन खातों के मेंटेनेन्स की कुल लागत 774.86 करोड़ रुपए है। वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार ने संसद को बताया कि भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) द्वारा जन धन खातों के मेंटेनेन्स की कुल लागत 774.86 करोड़ रुपए है। वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने संसद में उठे एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि एक साल में लगभग 1 करोड़ जीरो बैलेंस जनधन खातों को बंद किया गया है।

वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने संसद में उठे एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि प्रधानमंत्री जन धन खातों (पीएमजेडीवाई) के परिचालन की कुल लागत के बारे में वर्ष वार और बैंक वार सूचना नहीं रखी जाती है।

हालांकि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 31 दिसंबर 2016 की स्थिति के बारे में दी गई सूचना के अनुसार जन धन योजना पीएमजेडीवाई के परिचालन की उसकी कुल लागत 774.86 करोड़ रुपए है। अलग से दिए एक उत्तर में मंत्री ने कहा कि 9 नवंबर 2016 की स्थिति के अनुसार शून्य बैलेंस वाले जन धन खातों की संख्या 5.93 करोड़ थी और 28 दिसंबर 2016 को यह संख्या 6.32 करोड़ थी।

नोटबंदी के बाद 1 महीने में जमा हुआ 25 हजार करोड़ 
केन्द्र सरकार ने बताया कि 9 नवंबर 2016 की स्थिति के अनुसार पीएमजेडीवाई में जमा शेष की मात्रा 45,636 करोड़ रुपए थी जो 28 दिसंबर 2016 को 71,036 करोड़ रुपए थी।

1 करोड़ डेड अकाऊंट हुए बंद
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय मंत्री ने संसद को बताया कि सार्वजनिक बैंकों, ग्रामीण बैंकों और 13 निजी बैंकों ने सूचना दी है कि 24 मार्च 2017 तक की स्थिति के अनुसार पिछले एक वर्ष में लेन देन न होने के कारण पीएमजेडीवाई के तहत 92,52,609 खातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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