Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 12:44 PM
विशेषज्ञों का मानना है कि संवत 2073 कमजोर रहने के बाद इस साल सोने में बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। हालांकि, सोने की कीमतों में अस्थिरता के आसार हैं, फिर भी इसमें तेजी का रुख रहेगा। भारत में सोने का बाजार परिवर्तन के दौर से गुजरता रहेगा, क्योंकि...
नई दिल्लीः विशेषज्ञों का मानना है कि संवत 2073 कमजोर रहने के बाद इस साल सोने में बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। हालांकि, सोने की कीमतों में अस्थिरता के आसार हैं, फिर भी इसमें तेजी का रुख रहेगा। भारत में सोने का बाजार परिवर्तन के दौर से गुजरता रहेगा, क्योंकि सरकार केंद्रीय बजट में सोने की एक नई व्यापक नीति की घोषणा कर सकती है। नई व्यवस्था में सोने की मांग बढ़ने की संभावना है। सोने की कीमतों में 2018 की पहली छमाही में गिरावट की संभावना है और दूसरी छमाही में तेजी की।
इन वजहों से पड़ेगा कीमतों पर प्रभाव
निवेशकों को अगले कुछ महीनों के दौरान निम्न स्तर पर खरीदारी करने और दूसरी छमाही में उच्च स्तर पर बेचने का सुझाव दिया जा रहा है। कुछ ऐसे कारक हैं जिनसे कीमतों के रुख पर प्रभाव पड़ेगा और अगले कुछ महीनों में इसमें स्पष्टता आने की संभावना जताई जा रही है। अगले साल जनवरी में यूएस फेडरल रिजर्व प्रमुख जेनेट येलेन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनका स्थान कौन संभालेगा? दरअसल, नया प्रमुख डॉलर की मजबूती और ब्याज दर की गति निर्धारित करेगा। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अगले महीने नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकते हैं।
डॉलर पर निर्भर रहता है सोना
सोने की कीमत डॉलर में रहती है। जब डॉलर चढ़ता है, तो सोना नीचे चला जाता है। मोटे तौर पर डॉलर फेडरल रिजर्व की नीतियों पर चलता है। अगर राष्ट्रपति ट्रंप भू-राजनीतिक संकट को रोकते हुए किसी आक्रामक मिजाज वाले व्यक्ति को नियुक्त करते हैं तो सोना नीचे आ सकता है और किसी नरम मिजाज के अध्यक्ष की नियुक्ति सोने को ऊपर ले जा सकती है।